जयपुर: देश के अमीरों की सूचि की बात करें तो हमारे जहन में अम्बानी, अडानी, टाटा इनके ही नाम उभरते हैं, लेकिन क्या आपने कभी गौर किया की देश की सबसे आमिर महिला कौन है, जी हाँ देश की सबसे आमिर महिला के बारे में आज हम आपको बताने जा रहें है, जिन्होंने अपने हौसले के दम पर यह मुकाम हासिल किया है. उस महिला का नाम है सावित्री जिंदल और उनकी कुल संपत्ति है 17.7 अरब डॉलर. पिछले दो साल में सावित्री की मेहनत से कंपनी को 12 अरब डॉलर का इजाफा हुआ. 


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कहते है सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है. सावित्री को यह सफलता रातों रात नहीं मिली बल्कि उन्होंने यह सफलता अपनी मेहनत और एक लम्बे संघर्ष के बाद हासिल की है, जो भी उनके संघर्ष  की कहानी सुनता है दंग रह जाता है.आइये जानते है आखिर भारत की सबसे अमिर महिला सावित्री देवी जिंदल आखिर है कौन.. 



कभी नहीं देखी स्कूल की शक्ल, 20 की उम्र में हो गयी शादी


सावित्री जिंदल का जन्म 20 मार्च 1950 को असम के तिनसुकिया में हुआ. यह उस दौर  की बात है जब रूढ़िवादिता अपने चरम पर थी, महिलाओं की शिक्षा की दशा बेहद खराब थी. समाज अन्धविश्वास की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था, उस दौर में सावित्री के लिए समाज की सोच को बदलना कहा मुमकिन था. सावित्री ने भी कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा. जिसके चलते सावित्री चाह कर भी स्कूल नहीं जा पाई. उस समय में कम उम्र में ही लड़कियों की शादी तय कर दी जाती थी, सावित्री के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ जब 20 साल की हुई तो साल 1970 में उनकी शादी ओम प्रकाश जिंदल से हो गई. उस समय ओम प्रकाश की उम्र 40 साल थी. 


जिंदल समूह के चेयरमैन ओम प्रकाश एक बड़े व्यापारी के तौर पर अपनी पहचान बना चुके थे. सावित्री एक गृहणी के रूप में जिंदल परिवार की बागडेर को संभालने को तैयार हो गयी. उस समय जब महिलाओं की शिक्षा को अच्छा नहीं समझा जाता था ऐसे में किसी महिला का घर की चार दीवारी से बहार निकल कर नौकरी करना कहा मुमकिन था.


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9 बच्चों का जन्म और फिर पति की मौत 


विवाह के बाद सावित्री जिंदल ने 9 बच्चों को जन्म दिया. सावित्री जहां घर की जिम्मेदारी संभाल रही थी, वहीं ओम प्रकाश बिजनेस के साथ साथ सियासत में भी बड़ा नाम बन चुके थे. वे हिसार विधानसभा से विधायक चुने गए और उसके बाद हरियाणा सरकार में मंत्री भी रहें. सब कुछ ठीक चल रहा था. फिर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. एक दिन सावित्री की जिंदगी में ग़मों का पहाड़ टूट पड़ा साल 2005 में हेलिकॉप्टर क्रैश में उनके पति की मौत हो गई. अपने पति की मौत ने सावित्री को तोड़ के रख दिया लेकिन कब तक सावित्री इस दुःख के समंदर में रहती, उन्हें अपना परिवार अपने बच्चो को संभालना था. सावित्री कुछ समय बाद इस गम से उभरी और जिंदगी में आगे बढ़ने का संकल्प लेकर बिजनेस की ओर बढ़ी. 


पहले बिजनेस और फिर सियासत में रखा कदम


शादी के ३५ साल तक सावित्री ने एक घरेलू महिला के तौरपर जिंदगी जी थी, लेकिन अब समय बदल गया था. पूरे परिवार की जिम्मेदारी सावित्री पर आगयी थी. उन्होंने पहले पति के बिजनेस की बागडोर को संभाला फिर राजनीती में कदम रखा. उनके लिए सब कुछ संभालना इतना आसान नहीं था. उन्होंने संघर्षो से हार नहीं मानी और अपनी अलग पहचान बनाने में जुट गयी. 


कोरोना काल में कंपनी को हुआ घाटा लेकिन नहीं मानी हार


जिंदल समूह की चेयरपर्सन के तौर पर सावित्री एक सफल महिला के तौर पर अपनी पहचान बना चुकि थी. फिर आया कोरोना काल जब पूरी दुनियां थम सी गयी. ऐसे में सावित्री देवी की कंपनी भी घाटे में चली गयी. आर्थिक मंदी ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को डगमगा दिया.  जिंदल ग्रुप का टर्नओवर 50 प्रतिशत कम हो गया. लेकिन मेहनत करना सावित्री देवी बखूबी जानती थी कंपनी को घाटे से ऊपर लाने के लिए सावित्री देवी ने कड़ी २ साल कड़ी मेहनत की और आखिरकार कंपनी को घाटे से उबार लिया. जिसका फायदा भी कंपनी को हुआ जिंदल समूह ने पिछले दो साल में कुल संपत्ति में 12 अरब डॉलर का इजाफा कर दिया. 


सावित्री बनी भारत की सबसे अमीर महिला


फोर्ब्स लिस्ट की जारी लिस्ट में सावित्री जिंदल भारत को सबसे अमीर महिला में पहला स्थान दिया गया है. वहीं दुनिया की सबसे आमिर महिलाओं में सावित्री का 126वां स्थान है. भारतीयों महिलाओं की बात करें तो दुनिया भर की अरबपति महिलाओं की लिस्ट में कुल 11 भारतीय महिलाओं के नाम शामिल हैं. सावित्री जिंदल के अलावा लीना तिवारी, किरण मजूमदार शॉ, फाल्गुनी नायर, कृष्णा गोदरेज आदि का नाम शामिल हैं.
सावित्री के संघर्ष की कहानी हर उम्र की महिला के लिए प्रेरणादायक है।  सविति देवी की सफलता यह बताती है की जीवन में नामुमकिन कुछ  भी नहीं है अगर उसे पाने की चाह हो.


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