ED के खिलाफ कांग्रेस का हल्लाबोल, सीएम गहलोत ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी से आज भी प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने तीसरे दिन पूछताछ जारी है. इसको लेकर दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
जयपुर/दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी से आज भी प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने तीसरे दिन पूछताछ जारी है. इसको लेकर दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. महिला कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. AICC के बाहर दिल्ली पुलिस के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की. कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता ईडी दफ्तर के बाहर भी प्रदर्शन करते दिखे. टायर जलाकर कार्यकर्ताओं ने ईडी की कार्रवाई का विरोध किया. कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन पर दिल्ली पुलिस ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया.
वहीं, कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजीव शुक्ला, पवन खेड़ा, राजस्थान कांग्रेस प्रदेश गोविंद सिंह डोटासरा ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला. डोटासरा ने कहा कि तानाशाही की हद हो गई है, हमारे घर में घुसकर पुलिस हमारे साथियों को पकड़ रही है,लेकिन हम ना झुकेंगे ना डरेंगे. मोदी सरकार कितनी तानाशाही करें अब जनता जाग चुकी है, कांग्रेस कार्यकर्ता जाग चुका है उनको मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
वहीं, सीएम गहलोत ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि देखिए हम लोग तीन दिन से लगातार आपके साथ में संवाद करते रहे हैं और सारी जानकारियां आपको भी हो चुकी हैं. आप लोगों में से कई अनुभवी साथी यहां पर बैठे हैं, मीडिया की भूमिका बहुत बड़ी होती है, चौथा स्तंभ कहलाता है, तो आप देख लीजिए कि जो कुछ भी देश में हो रहा है, मैं 40-42 साल से राजनीति में हूं. 1980 से सक्रिय राजनीति में हूं. केंद्रीय मंत्री भी रह चुका हूं, तीन बार राजस्थान का मुख्यमंत्री भी रहा हूं. एआईसीसी में भी अपनी भूमिका अदा की है. मेरा मानना है कि कांग्रेस के शासन में लगभग 70 साल तक जो देश का स्वर्णिम इतिहास बना, आधुनिक भारत जो दिख रहा है, आजादी के वक्त क्या था आज क्या है. आपको मालूम है, पर ये 8 साल का काला अध्याय है, इतिहास लिखा जाएगा तो काले अध्याय के रूप में लिखा जाएगा.
मोदी सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही- कांग्रेस
काला अध्याय इसलिए कि संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है, पूरे देशवासी बहुत दुःखी हैं, तनाव में हैं, आप विश्वास कीजिए गली-गली में तनाव है देश के अंदर, लोग समझ नहीं पा रहे हैं, सोशल मीडिया में देखते हैं छोटे-छोटे गांवों में भी 200-400-500 लोग तो आराम से आक्रोशित होकर नारे लगा रहे हैं, चाहे वो हिंदू हों चाहे मुस्लिम हों. ऐसा माहौल विस्फोटक बन गया है, इसलिए राहुल गांधी जी ने जो कहा लंदन में कि कैरोसिन छिड़क दिया गया है, इस बात को मैं समझता हूं कि हम सबको समझ जाना चाहिए कि उनके मायने क्या थे और वो ही हो रहा है. वो ही हो रहा है. अभी दंगे भड़के आपने देखा, रामनवमी पर 7 राज्यों में दंगे भड़क गए एक सी ट्रेंड है सब जगह. अभी जब शुक्रवार की नमाज पढ़ी गई थी तो जुलूस निकले बड़े-बड़े, दंगे हुए कई जगह. ये तमाम बातें जो हैं देश में ऐसी स्थिति बन गई, करप्शन की तो हदें पार हो गई हैं.
राहुल गांधी ही मोदी को दे सकते हैं जवाब- कांग्रेस
ये आरएसएस और बीजेपी के नेता लोग, ईमानदार भी हैं उसके अंदर, इसमें कोई दो राय नहीं, पर बाकी लोग लूट रहे हैं देश को, करप्शन 10 गुणा बढ़ गया है, ज्यादा बढ़ गया है, इन बातों पर कोई ध्यान दे नहीं रहा है, इन सब बातों से ध्यान हटाने के लिए टारगेट किसको बनाएंगे, आज देश की तमाम विपक्षी पार्टियां मान गईं, देशवासी मान गए कि एकमात्र राहुल गांधी है जो मोदी जी और उनकी सरकार का मुकाबला कर रहे हैं. अब तो जितने आप लोग लिख रहे हैं आर्टिकल उसमें आने लग गया है कि एक व्यक्ति का नाम राहुल गांधी है जो लगातार मुकाबला कर रहा है और उन्हीं को मोदी जी, अमित शाह जी निशाना बनाए हुए हैं.
कोई कारण नहीं था कि आपने इस प्रकार से उनको नोटिस दिया जबकि क्लीयर कट मामला है. हमारा खुद का अखबार 1937 में शुरू किया आजादी की जंग के अंदर, लगभग 5 हजार फ्रीडम फाइटर्स मेंबर बने उस जमाने में, उसके बाद में इसकी शुरुआत हुई, आजादी की जंग में एक बार बैन लगा दिया इसके ऊपर अंग्रेजों ने, उसके बाद में लगातार कमजोर होता गया और जो मीडिया के कई अखबार कमजोर हो जाते हैं, आज देखिए कितने लोगों की तनख्वाहें कम कर दी हैं, छंटनी कर दी है प्रिंट मीडिया ने भी और आपके विजुअल मीडिया ने भी, सबको मालूम है कि देश में क्या स्थिति है मीडिया की भी.
1 रुपये का नहीं हुआ भ्रष्टाचार
अखबार को हम लोगों ने मांग की सोनिया जी से, वर्षों से मांग करते आ रहे हैं कि इसको रिवाइव करना चाहिए वापस हमारा नेशनल हेराल्ड, उसका अपना एक ऐतिहासिक बैकग्राउंड है, आजादी की जंग का भी और बाद का भी, उसको लेकर हम लोग मांग करते रहे कि रिवाइव होना चाहिए और 100 किश्तों में 90 करोड़ रुपए दिए गए 100 किश्तों में 2002 से मेरे ख्याल से 2012 तक ऐसा कुछ है, अब बताइए, 100 किश्तों में कभी 2 करोड़, 10 करोड़, 15 करोड़ रुपए दिए होंगे. ये अखबार रिवाइव होना चाहिए और मुझे मालूम है कि मिस्टर भार्गव थे जयपुर के अंदर, 15 साल से तनख्वाह नहीं मिल रही थी. तब भी वो जुड़े रहे. वहां पर. अखबार पूरी तरह चल नहीं पा रहा था.
अगर हम अपने अखबार को और जो कॉन्स्टीट्यूशन में लिखा हुआ है कि अगर कांग्रेस की पॉलिसी-प्रोग्राम को कोई आगे बढ़ाएगा, तो उसको कांग्रेस या कोई पॉलिटिकल पार्टी इम्दाद कर सकती है. पाञ्चजन्य और जो अखबार निकलते हैं बीजेपी के, इनको भी सपोर्ट किया होगा. बीजेपी ने हमें नहीं मालूम है, पर कर सकते हैं, इस रूप में इस अखबार को वापस रिवाइव करने का एक अटैंप्ट किया गया. नॉन-प्रॉफिटेबल कमेटी बनाई गई, जिसमें 1 रुपया भी जो डायरेक्टर है उसके अंदर, जिसमें सोनिया जी भी आती हैं, राहुल जी भी आते हैं. 1 रुपया भी लाभांश का ले नहीं सकते, वो कानून ही ऐसा है, एक रुपया ले नहीं सकते, लाभांश ले नहीं सकते, वो कंपनियां हैं, तो मनी लॉन्ड्रिंग कहां से आ गई. ये हालात अभी आपको मेरे सब साथी बताएंगे. मैं आपको कहना चाहूंगा कि जो सेनेरियो बदला है देश के अंदर, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, काले अध्याय में लिखा जाएगा देश के ये। आज मुझे बताइए हम एआईसीसी में बैठे हुए हैं, पता नहीं आपको ईजीली आने दिया गया होगा पुलिस वालों ने क्योंकि आपके पास कार्ड होगा मीडिया का, वरना हमारा एआईसीसी का महामंत्री नहीं घुस सकता है यहां पर, अधिकारी-पदाधिकारी नहीं आ सकते.
हिंदुस्तान के इतिहास में कभी किसी पॉलिटिकल पार्टी के हैड क्वार्टर पर किसी को जाने से रोका गया है क्या. हम अपने ऑफिस में नहीं आ सकते. पहली बार देख रहे हैं ये. दिल्ली में कोई आ रहे हैं बाहर से तो रास्ते में अरेस्ट कर रहे हैं, पूरा कल जाम लगा रखा था खुद ने ही, बदनाम कांग्रेस हो? गई कि राहुल गांधी जी के समर्थन में आए हैं इसलिए जाम लग गया ये? जो हालात बने हैं, इसमें मैं निवेदन करना चाहूंगा कि हमें सोचना पड़ेगा कि देश किस दिशा में जा रहा है.
सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल- कांग्रेस
मैंने टाइम मांगा ईडी के डायरेक्टर से, सीबीआई के डायरेक्टर से, और तो और सीबीडीटी के चेयरमैन से इनकम टैक्स के, ये? तीनों प्रीमियर एजेंसियां हैं हमारी, हमें गर्व है तीनों एजेंसियों पर, उनकी जो स्थिति बनी है देश के अंदर, क्रेडिबिलिटी कम हुई है, लोग क्या सोचते हैं, एक नागरिक के नाते, एक मुख्यमंत्री के नाते मैंने कहा कि मैं आपसे आकर मिलना चाहता हूं, मैं बताऊंगा कि मेरी भावनाएं क्या? हैं, देशवासी क्या? सोचते हैं, मेरे हिसाब से, सुनने में क्या? दिक्कत थी? पुलिस कमीश्नर से टाइम मांग रहे हैं यहां पर कि भी आप एआईसीसी में आने से क्यों रोक रहे हो. पुलिस कमिश्नर टाइम नहीं दे रहा है. मुझे आश्चर्य हो रहा है, कांग्रेस शासन के अंदर. हमेशा जब कभी बीजेपी वाले या कोई भी पार्टी वाले टाइम मांगते थे, बिना कांग्रेस को पूछे हुए, टाइम मिलता था, कलेक्टर हो, एसपी हो, डीजी हो, या कोई भी हो, क्योंकि फैसला करना उसके हाथ में है, खाली सुनना ही तो है आपको, आपको खाली सुनना है, आप उसके बाद में भी अपनी बात पर अडिग रहो, कौन आपको रोक सकता है. आप सुनने के लिए तैयार नहीं हो, टाइम नहीं दे रहे हो? आप लोग, कहां की प्रक्रिया है.
इसलिए कहने को? हजार बातें हैं, खाली मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि ईडी के जो नोटिस दिए गए हैं, ये तंग करने के लिए दिए गए हैं, टारगेट करके दिए जा रहे हैं और देशवासी देख रहा है, समझ रहा है, सुन रहा है, इंदिरा जी को भी जेल में डाल दिया था. इन्हीं लोगों ने, आज जो सत्ता में हैं, ये भागीदार थे उस वक्त जनता पार्टी के शासन के अंदर, ये नहीं भूलना चाहिए, जब मोरारजी देसाई बन गए थे. प्राइम मिनिस्टर, इनके दबाव में मोरारजी भाई देसाई को, गृह मंत्री को फैसला करना पड़ा.
इंदिरा गांधी जी को निकाल दिया पार्लियामेंट से जीती हुई थीं बाय इलेक्शन, जेल भेज दिया उनको, पूरे देश के अंदर जेल भरो अभियान हुए थे उस वक्त में, हम लोग सब जेल गए थे. मैं निवेदन करना चाहूंगा कि ये जो सब हरकतें कर रहे हैं ये लोग, इनके भारी पड़ेगी. जनता सब समझ चुकी है. इनकी अप्रोच को और आप देखेंगे कि ये तरीके जो हैं, ये डेमोक्रेसी को खत्म कर रहे हैं. आज बुलडोजर चल रहा है. एक के यहां पर, कल वो बुलडोजर किसी और के घर भी चल सकता है. ये कोई कानून है. क्या? राज कानून का रहेगा, हम सब सुरक्षित रहेंगे, अगर कानून का राज ही खत्म हो जाएगा तो कोई सुरक्षित नहीं है, किसके यहां पर क्या हो जाए. ये कोई नहीं कह सकता है. कानून है, संविधान है, उससे देश चलता है, आज जो हम लोग बैठे हैं यहां, आपको सभी मेरे साथी अपनी बात कहेंगे. मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि विपक्ष की पार्टियां मांग करती हैं कि आप देश को संबोधित कीजिए . शांति, भाईचारा, सद्भाव रहे और मैं किसी कीमत पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं करूंगा. 13 पार्टियों ने उनसे मांग की, परसों और कल मैंने कहा कि मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं, गांव-गांव में जो तनाव हो गया है वो आपको-हमको नहीं मालूम है, यहां बैठे हुए, कब आग लग जाए, कौन-कितना दुःखी है चाहे हिंदू है, चाहे मुसलमान है, देखता है कि पता नहीं कल क्या होगा. डेमोक्रेसी में इतना भय होना लाजिमी है क्या. देश किस दिशा में जा रहा है ये किसी को नहीं मालूम है. आरएसएस और बीजेपी जिस रूप में इनकी अप्रोच है, बहुत खतरनाक है.
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