जयपुर: प्रदेश के कोटा, जाेधपुर, उदयपुर और भिवाड़ी शहरों को स्वायत्त शासन विभाग ने मंगलवार को सौगात दी है. इन शहरों में अब  60 मीटर ऊंचाई की बिल्डिंगों में आसानी से आग बुझाई जा सकेगी. नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने मंगलवार सुबह चार हाईड्रोलिक लेडर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. प्रदेश में विकास की गति बढ़ने के साथ ही ऊंची ऊंची बिल्डिंगें बन रही हैं, लेकिन इनमें आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं है.


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बड़ी आगजनी होने पर दमकलें मौके पर पहुंच सकती है, लेकिन उंचाई पर आग बुझाने में सक्षम नहीं हो पा रही है.ऐसे में मुख्यमंत्री ने जयपुर के अलावा चार अन्य शहरों में हाईड्रोलिक लेडर की घोषणा की थी.इस क्रम में स्वायत्त शासन विभाग ने राज्य के चार शहरों कोटा, जोधपुर, उदयपुर और भिवाड़ी के लिए चार हाईड्रोलिक लेडर खरीदी.


स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने मंगलवार सुबह अस्पताल मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास से चार हाइड्रोलिक लेडर को हरी झंडी दिखाकर सम्बंधित नगर निगमों को रवाना किया.इस मौके पर धारीवाल ने हाइड्रोलिक लेडर की विशेषता बताई तथा कहा कि इससे उंची बिल्डिंगों में आग बुझाने में आसानी होगी.फिलहाल चार शहरों के लिए ये हाईड्रोलिक लेडर खरीदी है, जबकि अन्य शहरों में जरूरत किे हिसाब से खरीदी जाएगी. 


इन शहरों में भेजी गई हाईड्रोलिक लेडर 


जानकारी के अनुसार, मंत्री धारीवाल ने कोटा उत्तर, जोधपुर उत्तर नगर निगम, उदयपुर तथा भिवाड़ी के लिए एक-एक हाईड्रोलिक लेडर को रवाना किया है. धारीवाल ने कहा कि इन शहरों में 60 मीटर से उंची बिल्डिंगे हैं, अन्य में भी आवश्यकता होगी तो विचार करेंगे. उंची बिल्डिंगों में आग बुझाने से जान-माल के नुकसान से बचाव किया जा सकेगा. इधर जयपुर में पहले से  70 मीटर और 42 मीटर उंची हाईड्रोलिक लेडर मौजूद है.  मंत्री धारीवाल ने बताया कि प्रत्येक हाईड्रोलिक लेडर 15 करोड़ रुपए की लागत आई है.इस हिसाब से 60 करोड़ खर्च कर मशीनें खरीदी गई है.


दस साल के रख रखाव की जिम्मेदारी 


विभाग की ओर से बताया गया कि हाईड्रोलिक लेडर के संचालन और रख रखाव की जिम्मेदारी निर्माता फर्म की रहेगी. फर्म 10 साल तक मशीनों के संचालन और उपयोग की सुनिश्चितता करेगी. फिललैंड की फर्म  मैसर्स ब्रोन्टो स्काई लिफ्ट से ये हाईड्रोलिक लेडर खरीदे गए हैं. परिवहन विभाग में इनका रजिस्ट्रेशन भी करवाया जा चुका है.