जयपुर: महात्मा गांधी को गोली मारने वाले गोडसे और स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को लेकर बीजेपी-कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं के बीच लगातार बहस होती रहती है. इस बीच जयपुर आए महाराष्ट्र के संत काली पुत्र कालीचरण महाराज ने कहा कि वो वीर सावरकर और गोडसे को अपना आदर्श मानते हैं. देश में हिंदू विरोधी एजेंडा चल रहा है, इसके लिए सम्पूर्ण हिंदू समाज को जागृत होना होगा.


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ज्ञानम फेस्टिवल में जयपुर आए संत कालीचरण महाराज ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह दोनों ही मेरे लिए वंदनीय है. मैं इन्हें अपना आदर्श मानता हूं और यदि संभव हो तो मैं इनके जैसा जीवन जीना चाहूंगा, यह दोनों ही बड़े महान व्यक्तित्व हैं.


वहीं, लव जेहाद पर महाराज ने कहा कि जब तक लव जेहाद होता रहेगा जब तक मूर्ख हिंदू जागृत नहीं होगा. समाज को अपने बच्चों को हिंदू धर्म, संस्कार की शिक्षा देना होगा. हिंदू समाज के बच्चों और युवा पीढ़ियों में हमें सनातनी शिक्षा को बृहद स्तर पर प्रसारित करना होगा, धर्म और शिक्षा का अभाव होने के कारण हिंदुओं में एकता कम है, जबकि मदरसों और मस्जिदों में मजहबी तालीम दी जाती है जिसके कारण से मुस्लिम समाज में ज्यादा एकता है. इस्लाम और कृष्णा क्रिश्चियनिटी एक धर्म नहीं है महज एक पंथ है जबकि सनातन ही सही मायनों में धर्म है.


ईश्वर की आराधना ईश्वर प्राप्ति का प्रमुख मार्ग- महाराज
महाराज ने कहा कि दूसरे धर्मों में विज्ञान और अध्यात्म को नहीं सिखाया जाता केवल मजहबी और कट्टरपंथ की शिक्षा दी जाती है, सनातन धर्म में विज्ञान आध्यात्मिक के तीन सिद्धांत हैं पहला पुनर्जन्म जिसका अर्थ है कि हम इस शरीर में निवास करते हैं और मृत्यु उपरांत नए शरीर में प्रवेश करते हैं, यह विज्ञान है जो इस्लाम और ईसाई धर्म में नहीं है. अन्य धर्मों में कर्म के सिद्धांतों के विषय में कर्म करने के बाद भी क्षमा करने का प्रावधान है, जबकि सनातन धर्म में पूरे कर्मों में दंड का प्रावधान है क्षमा का कोई प्रावधान नहीं है, अपने धर्मों में ईश्वर प्राप्ति का कोई लक्षित मार्ग नहीं है जबकि सनातन धर्म में ईश्वर की आराधना ईश्वर प्राप्ति का प्रमुख मार्ग है. सनातन धर्म में सनातन धर्म में राष्ट्र की सेवा करना और राष्ट्र के प्रति समर्पण करने का भाव होता है जबकि इस्लाम में केवल इस्लाम का प्रचार प्रसार एकमात्र उद्देश्य है.


देश विरोधी गतिविधियां चल रही है - महाराज
कालीचरण महाराज ने कहा कि भारत में हिंदुओं की आबादी 94 करोड़ है जबकि अल्पसंख्यकों की आबादी 45 करोड़ है ऐसे में उन्हें अल्पसंख्यक बोला जाना उचित नहीं है. भारत में देश विरोधी गतिविधियां लगातार चल रही है और जगह-जगह मिनी पाकिस्तान बन चुके हैं जब भी भारत-पाकिस्तान का मैच में भारत हारता है तो पटाखे छोड़े जाते हैं, भारत में रहकर गजवा ए हिंद करना उद्देश्य है, यदि देश में राष्ट्रवादी सरकार नहीं होगी तो ऐसे लोग कभी बॉलीवुड के जरिए तो कभी लव जिहाद के जरिए अपना चरमपंथी एजेंडा चलाते रहेंगे.


देश में राष्ट्रवादी सरकार होना बेहद जरूरी है, देश में हजारों जनप्रतिनिधि हैं जो हिंदू समाज से आते हैं लेकिन हिंदू समाज की अपेक्षा पर खरे नहीं उतर रहे. जातिवाद भाषावाद और क्षेत्रवाद एकमात्र कारण है कि जिससे हिंदुओं एकजुट नहीं हो पा रहा है.


इंदिरा सरकार पर साधा निशाना


राम मंदिर, धारा 370 बड़े फैसले लेने के लिए केवल संत समाज का सक्रिय होना काफी नहीं है. देश की राजनीति और वर्तमान सरकार के दृढ़ निश्चय ही इरादों के कारण ही है संभव हो पाया है. देश ने पूर्व में ऐसी सरकारें भी देखी जिन्होंने हजारों हिंदुओं पर गोली चलवाई. इंदिरा गांधी की सरकार के समय गो हत्या बंदी कानून को लेकर आंदोलन करने वाले हजारों साधु-संतों पर गोली चलवा कर उन्हें मरवाया गया. वर्ष 2014 से पहले देश में ऐसी सरकार थी जो सेना को कमजोर करने का काम करती थी लेकिन 2014 के बाद सरकार है और आज दुश्मन को हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब देती है.