पाइल्स होने पर शुरू कर दें ये 5 काम नहीं होगी खुजली और दर्द! जानें बेहद आसान घरेलू नुस्खे
Piles treatment: बवासीर जिसे पाइल्स और मेडिकल की भाषा में हेमोरॉयड्स कहा जाता है,ये बेहद तकलीफदेह होता है. लोग फिशर, भगंदर जैसी परेशानियों का भी शिकार होते हैं और इन परेशानियों में लोगों को दर्द के साथ-साथ मल में खून आने की समस्या भी होती है.
Piles treatment: बवासीर जिसे पाइल्स और मेडिकल की भाषा में हेमोरॉयड्स कहा जाता है,ये बेहद तकलीफदेह होता है. आपने लोगों के मुंह से सुना होगा कि उन्हें बवासीर हो गया है लेकिन इसका सिर्फ यही मतलब नहीं है. लोग फिशर, भगंदर जैसी परेशानियों का भी शिकार होते हैं और इन परेशानियों में लोगों को दर्द के साथ-साथ मल में खून आने की समस्या भी होती है.
इस समस्या में रोगी को गंभीर कब्ज तो होता ही है, मलद्वार में असहनीय तकलीफ, कांटों सी चुभन, मस्से एवं घाव, जलन आदि गंभीर समस्याएं हैं, जो रोगी को कमजोर बना देती हैं और मल द्वारा ब्लड भी आने लगता है. ऐसे में इसका वक्त के साथ सही इलाज ही रोगी को इस समस्या में राहत दे सकता है, अन्यथा तकलीफ काफी बढ़ सकती है.
फर्स्ट स्टेज में बवासीर दिक्कत पैदा करता है लेकिन जब ये स्थिति स्टेज 3 से 4 तक पहुंचती है तो लोगों को दिक्कत होनी शुरू होती है. इस दौरान व्यक्ति को खुजली से लेकर जलन तक की समस्या का सामना करना पड़ता है. शुरुआती दौर में आप बवासीर के लिए घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं. उदाहरण के लिए आप बैठकर नहाने की कोशिश कर सकते हैं. एक बड़ा भगोना लीजिए और उसनें थोड़ा गर्म पानी डाल दें. अब उसमें एक चम्मच नमक मिलाएं और करीब 10 मिनट तक बैठे रहें. दिन में से दो तीन बार ऐसा करें. ये दर्द और खुजली से आराम दिलाने में मदद करता है. अगर आप भी इस परेशानी के शिकार हैं तो बिना पैसा खर्च किए इन 5 तरीकों से बवासीर में आराम पा सकते हैं.
बवासीर के प्रकार
बवासीर मुख्यत: दो प्रकार का होता है. दोनों ही प्रकार के बवासीर में मरीज को कई तरह की दिक्कतें होती हैं
अंदरूनी पाइल्स और बाहरी बवासीर अंदरूनी पाइल्स ज्यादा खतरनाक नहीं होती है. इसमें मरीज को कभी-कभी ब्लीडिंग हो सकती है लेकिन दर्द बहुत कम होता है. जबकि बाहरी बवासीर में दर्द और खुजली के साथ मल निकलता है. इस दौरान एनस में दरार पड़ना और खून भी निकल सकता है.
बवासीर के लक्षण
बवासीर में व्यक्ति को मल त्यागने में परेशानी होती है. बवासीर की समस्या ज्यादा होने पर व्यक्ति को बैठने में भी समस्या होने लगती है. इसके अलावा कई ऐसे लक्षण हैं जो बवासीर की ओर संकेत करते हैं.
रोजाना 3 से 4 लीटर पानी पिएं
पानी की कमी को रोकने के लिए दिन में तीन से चार लीटर पानी पिये. इसके अलावा आपको ध्यान रखना है कि कैफीन वाली चाय, कॉफी, शराब और कोला ड्रिंक का सेवन बिल्कुल भी न करें क्योंकि ये शरीर में पानी की कमी को पैदा करती हैं इसलिए अपने पीने की आदतों पर ध्यान दें.
4 से 6 फल और सब्जियां खाएं
दिन में कम से कम 4 से 6 फल और सब्जियां खाने की कोशिश करें. दरअसल आपको दिन में 30 ग्राम तक डाइटरी फाइबर का सेवन करने की सलाह दी जाती है, इसलिए ऐसे फूड्स का चुनाव करें, जो फाइबर से संपन्न हो. बता दें कि एक केले में 4 ग्राम तक फाइबर होता है, जो आपकी फाइबर की जरूरत को पूरा करने में मदद करता है.
लगातार न बैठें
ज्यादा देर तक न बैठें। अगर आप ऐसे किसी पेशे में नौकरी करते हैं, जिसमें आपको ज्यादा देर तक बैठा रहना पड़ता है तो आप हर घंटे उठने या फिर थोड़ी देर चलने की कोशिश करें। बेहतर स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त करने के लिए आप हर एक घंटे में कम से कम 15 मिनट तक खड़े रहें।
30 मिनट करें एक्सरसाइज
बवासीर जैसी बीमारी में आराम पाने के लिए आपको दिन में कम से कम 30 मिनट तक एरोबिक एक्सरसाइज करने की जरूरत होती है. ये तरीका आपको दर्द से आराम दिलाने में मदद करता है.
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टॉयलेट में 5 मिनट से ज्यादा न बैठें
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि टॉयलेट में 5 मिनट से ज्यादा न बैठें. अगर आपको उस समय के दौरान शौच नहीं होता है तो दबाव लगाने की कोशिश बिल्कुल भी न करें. आपको करना सिर्फ इतना है कि थोड़ा पानी पीना है और फिर चलना है.