Cholesterol And Health: आपने अपने आस पास ये महसूस किया होगा की अचानक से हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी होने लगी है. कई लोग ऐसे भी थे जो योग एक्सरसाइज को लेकर काफी सतर्क थे, हेल्थी रूटीन फॉलो करते थे. फिर भी वो अपने आप को इस खतरे से बचा नहीं पाएं, आखिर ऐसा क्यों? आज हम आपको बताते की कैसे सेहत में छोटे छोटे सुधार करके आप हार्ट अटैक के खतरें से बच सकते है और अपनों को बचा सकते हैं. हार्ट अटैक का सबसे समय कारण है कोलेस्ट्रॉल का शरीर में बढ़ जाना. अगर आपने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर लिया तो आप हार्ट अटैक के खतरें को टाल सकते है. आज हम आपको बताएंगे कि क्या है कोलेस्ट्रॉल का संतुलित स्तर और कैसे इसे बनाये रखा जा सकता है. 


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दिल की सेहत से जुड़ा है कोलेस्ट्रॉल


जब भी दिल की सेहत की बात आती है कोलेस्ट्रॉल का नाम सबसे पहले आता है. कोलेस्ट्रॉल का नाम आते ही सबसे पहले खान पान को सुधरने की और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को मेंटेन करने की बात कही जाती है साथ ही इसके स्तर को संतुलित बनाये रखने के लिए नियमित दवाइयां लेने की सलाह भी दी जाती है. जैसे आपने अक्सर देखा होगा की किचन के सिंक की अगर रोज साफा सफाई न की जाए तो उसमे गंदगी जमने लगती है और धीरे धीरे वो गंदगी सिंक के पाइप को ब्लॉक करने लगती है. इसी तरह कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण शरीर में खून ले जाने वाली धमनियों में रूकावट पैदा होने लगती है. जिसकी वजह से खून और ऑक्सीजन का फ्लो ठीक तरह से शरीर में नहीं हो पाता और इससे हार्ट पर दबाव बनने लगता है. धीरे धीरे जब हार्ट पर दवाब बनता है और हम उसे इग्नोर करने लगते है तो एक दिन यही कारण  हार्ट के रूप में सामने आता है.


1. कोलेस्ट्रॉल के स्तर का संतुलित होना सबसे जरूरी


ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल का शरीर में होना अक्सर बुरा ही होता है. कभी-कभी कोलेस्ट्रॉल का होना शरीर के लिए अच्छा भी होता है और जरूरी भी. इसलिए कोलेस्ट्रॉल को दो प्रकारों में बांटा गया है. पहला अच्छा कोलेस्ट्रॉल मतलब एचडीएल और दूसरा बुरा कोलेस्ट्रॉल मतलब एलडीएल. इनमें से अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर 60 या इससे ऊपर माना गया है और बुरे कोलेस्ट्रॉल एलडीएल का स्तर 100 से नीचे रहना चाहिए. ऐसे में ध्यान रहें की शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 के अंदर ही होनी चाहिए. लेकिन कोलेस्ट्रॉल का स्तर शारीरिक संरचना, स्थिति और महिला-पुरुष होने आदि पर भी निर्भर करता है. लेकिन औसतन 200 के अंदर का जो कोलेस्ट्रॉल लेवल होता है, वो हार्ट के लिए अच्छा माना जाता है.
 
2. समय पर वसा की जांच करवाना जरूरी है


कोलेस्ट्रॉल के बारे में कई तरह की भ्रांतियां है लेकिन हम आपको बता दें की  कोलेस्ट्रॉल के अंदर एक प्रकार का लिपिड या वसा जिसे हम फैट कहते है  वो रहता है.  अक्सर कोलेस्ट्रॉल के टेस्ट लिखते समय डोवटर लिपिड प्रोफइल की जांच करवाने का सुझाव देते हैं।  लिपिड प्रोफइल का टेस्ट ही शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा की जाँच करने के काम आता है.  कोलेस्ट्रॉल की मदद शरीर कई काम करने में लेता है इसलिए खून में इसकी मात्रा होना एक सामान्य बात है. लेकिन समस्या तब होती है जब इसकी मात्रा खून में बढ़ने लगती है और यह धमनियों की दीवारों पर जमने लगता है. धीरे धीरे धमनियों पर जमा कोलेस्ट्रॉल एथरोस्क्लेरोटिक प्लाक वसा का कड़क परत के रूप में  बदलने लगता  है. जिसे एथरोस्केलेरोसिस कहते है. ऐसे में भोजन में वासा की मात्रा को कम करके केलेस्ट्रॉल का स्तर संतुलित रखा जा सकता है. 


3. लापरवाही बनती है हार्ट अटैक का कारण


धमनियों पर जमा कोलेस्ट्रॉल एथरोस्क्लेरोटिक प्लाक वसा का कड़क परत के रूप में  बदलने लगता  है. जिसे एथरोस्केलेरोसिस कहते है. प्लाक के जमने की यह स्थिति कई गंभीर समस्याओं का कारण बनती है. जो कोरोनरी आर्टरी डिसीज, पेरिफेरल आर्टरी डिसीज, कैरोटिड आर्टरी डिसीज को न्यौता देती है. इसके कोई गंभीर लक्षण भी नहीं दिखाई देते की लक्षणों के आधार पर पता लगया जा सकें इसके लिए जांच ही एक मात्र विकल्प है. अगर आप धूम्रपान, शराब या तम्बाखू के आदि है तो जितना जल्दी हो सकें अपनी आदतों में सुधार लाये. धूम्रपान एक तरफ कैंसर का कारण तो बनता ही है साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को भी कम करता है और धमनियों पर वासा की परत बनाने का काम करता है. सिगरेट का धुआं फेफड़ों में पहुंचता है साथ ही यह रक्त के प्रवाह को भी बाधित करता है. बेवजह अधिक थकावट अगर महसूस होने लगे तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क कर कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं, बिल्कुल लापरवाही ना बरतें.


4. नियमित रूटीन अपनाएं


कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने के लिए और हार्ट सम्बंधित बिमारियों को काम करने के लिए. सबसे जरुरी है की एक नियमति डे रूटीन को फॉलो करें. चाहें आप उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो आपके लिए नियमित रूटीन को अपनाना बेहद जरूरी है. रोज व्यायाम, योग, समय पर उठना और सोना, खाना खाना इन सब चीजों को समय पर करना आवश्यक है. अपनी डाइट में हरी सब्जियों और सीजनल फ्रूट, दही और छाछ को शामिल करें. प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद खाद्यों से दूरी बना कर रखें. नियमित व्यायाम करके पेट और कूल्हों पर पर बढ़ने वाली चर्बी को कम करें. अपनी हाइट बॉडी और उम्र के अनुसार अपने वजन को कंट्रोल में रखें 


5. पैदल चलने से मिलेगा आराम


रात का भोजन समय पर करें. कोशिश रहें की 8  बजे से ज्यादा लेट भोजन ना करें और भोजन करने के बाद सीधा सोने ना जाए, बल्कि कुछ देर के लिए टहलें. अपने खाने में मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार, दलिया, जौ का दलिया, मूंग और चोकर वाला गेहूं का आटा आदि को शामिल करें. अगर लिपिड टेस्ट में आपका कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है तो और आपका वजन बढ़ने लगा है तो अपने खान पान पर विशेष ध्यान देने के साथ ही योग और व्यायाम को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं. समय समय पर होने वाली जांचों पर ध्यान दें. डायबिटीज और बीपी के लिए दी गई दवाईयों को समय पर लें. सुबह शाम ज्यादा ना सही 15 मिनट की वॉक जरूर करें.


(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं. Zee Media इसकी पुष्टि नहीं करता है. प्रयोग से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क जरूर करें.)


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