India Maldives Row : क्या अपने हितों के लिए भारत-मालदीव में रार पैदा करा रहा चीन...? किसका ज्यादा नुकसान
India Maldives Row : भारत-मालदीव के बीच बढ़ रहे टकराव के पीछे कहीं चीन की किसी बड़ी चाल का हिस्सा तो नहीं है?
India Maldives Row, India Maldives Relations : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरों पर मालदीव के मंत्रियों के विवाद बयान का असर दिखने लगा है. वहीं, जानकारों का मानना है, कि मालदीव के इस दुस्साहस के पीछे चीन का हाथ भी हो सकता है.
बता दें, कि मालदीव रणनीतिक तौर पर भारत और चीन दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण देश है. ऐसे में अगर चीन अपना हित साधने के लिए मालदीव के साथ मिलकर कोई योजना बनाए, तो इस में आश्चर्य नहीं होना चाहिए. वहीं दूसरी ओर, जो मालदीव अपनी जरूरतों के लिए भारत पर आश्रित है, उससे पंगा लेकर बड़ी मुश्किल में फंस गया है.
भारत से दुश्मनी मालदीव को पड़ सकती है भारी
भारत के साथ मालदीव के विवाद के बाद आम लोगों से लेकर सेबेल्स और क्रिकेटर्स सबने मालदीव का बायकॉट करना शुरू कर दिया है. भारत-मालदीव के बीच टकराव को सीधा फायदा चीन को हो सकता है, लेकिन इससे मालदीव को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. भारत के इस विरोध का असर मालदीव की अर्थव्यवस्था पर होगा. मालदीव की इकोनॉमी पर्यटन पर निर्भर करती है. मालदीव की इकोनॉमी में टूरिज्म की हिस्सेदारी 28 फीसदी तक की है, वहीं फॉरेन एक्सचेंज में 60 फीसदी योगदान टूरिज्म का है. ऐसे में भारतीय पर्यटक जो उसके सबसे बड़े उपभोक्ता है, उनकी नाराजगी इकोनॉमी पर बड़ा असर डालने वाली है.
मालदीव की इकोनॉमी की टूट जाएगी कमर
मालदीव जिसकी अर्थव्यवस्था टूरिज्म पर निर्भर है, और भारत उसका सबसे बड़ा उपभोक्ता है. पर्यटन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक मालदीव आने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है. साल 2023 में 209198 भारतीय टूरिस्ट मालदीव पहुंचे थे। साल 2022 में भी 240000 भारतीय टूरिस्ट ने मालदीव का टूर किया. साल 2020 में कोरोना के दौरान भी भारत ने मालदीव के टूरिज्म में 11 फीसदी का योगदान दिया था. ऐसे में भारतीयों का बायकॉट मालदीव की इकोनॉमी की कमर तोड़ देगा. टूरिज्म कारोबार पर असर का मतलब है कि रोजगार पर असर पड़ना. मालदीव में कुल रोजगार में पर्यटन का योगजान करीब 70 फीसदी तक है.
मालदीव के राष्ट्रपति हैं चीन हितैषी
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के हितैषी हैं, ये जगजाहिर है. चीन की दोस्ती में उन्होंने अपनी पूरा चुनाव भारत के विरोध में लड़ा. भारत मालदीव विवाद के बीच चीन की सेंधमारी भी संभव है. भारत में बहिष्कार का सामना कर रहे मालदीव की इकोनॉमी को संभालने के लिए चीन चाल चल सकता है. भारतीयों की कम होती संख्या को चीन अपने नागरिकों से भरने की कोशिश कर सकता है. ऐसा हो भी सकती है, क्योंकि 2023 में मालदीव आने वाले चीनी पर्यटकों की संख्या में अचानक तेज बढ़ोतरी देखने को मिली. 2022 में मालदीव में संख्या के लिहाज से चीन 27वें नंबर पर था, जो 2023 में अचानक तीसरे नंबर पर पहुंच गया है.