Jaipur: राजस्थान सरकार ने शहरी इलाकों में जरूरतमंद परिवारों को साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार मुहैया कराने की महत्वकांक्षी योजना की शुरुआत कर दी है. ग्रामीण रोजगार गारंटी की तर्ज पर अब शहरों में भी जरूरतमंद लोगों के लिए रोजगार गारंटी योजना शुरू की गई है. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के नाम से शुरू की गई योजना का सीएम गहलोत ने वर्चुअल तरीके से शुभारंभ किया गया. शाहपुरा के रामनिवास बंधे में आयोजित कार्यक्रम में विधायक आलोक बेनीवाल, प्रधान मंजू शर्मा और शाहपुरा पालिकाध्यक्ष बंशीधर सैनी की मौजूदगी में योजना का शुभारंभ किया गया.


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सीएम अशोक गहलोत ने कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की- विधायक आलोक बेनीवाल
इस मौके पर विधायक आलोक बेनीवाल ने कहा कि गहलोत सरकार सभी वर्गों के हितों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की है. शहरी क्षेत्र में भी कई लोग रोजगार के अभाव में आर्थिक तंगी से जूझते है. ऐसे में सीएम गहलोत ने उनके लिए यह योजना शुरू कर अनुकरणीय पहल की है. इस योजना का सभी को लाभ उठाना चाहिए. चेयरमैन बंशीधर सैनी ने कहा कि रामनिवास बंधे में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्य किया जाएगा. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही बंधे का सौन्दर्यकरण भी बढ़ेगा. इस दौरान कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे.


सरकार रोजगार में बढोतरी के लिए लगातार कोशिश कर रही- अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना शुरू करने की घोषणा की है. यह योजना राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए बनाई गई है. यह योजना 9 सितंबर से शुरू होगी. अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य के सभी लोगों को रोजगार मिलना चाहिए जिससे कि राज्य के सभी लोग खुश रह सकें. उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार रोजगार में बढोतरी के लिए लगातार कोशिश कर रही है.


मनरेगा की तर्ज पर शुरू हुआ योजना
जोधपुर में सभा को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि मनरेगा के ही तर्ज पर इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना में अब तक 1.5 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है. गहलोत ने आगे कहा कि यह योजना बाकी राज्यों के साथ-साथ केन्द्र सरकार को भी लागू करनी चाहिए ताकि शहरी इलाकों के लोगों को रोजगार मिल सके.


2022-23 के बजट में की थी घोषणा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मई में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के कार्यान्वयन के लिए दिशानिर्देशों को मंजूरी दी थी. गहलोत ने 2022-23 के बजट में मनरेगा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में रोजगार देने की योजना की घोषणा की थी.


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हर साल 800 करोड़ रुपए खर्च
बता दें कि इस साल बजट में घोषित इंदिरा गांधी शहरी विकास योजना के लिए 2.25 लाख से अधिक परिवार पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं.  इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना के तहत शहरी क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को प्रति वर्ष 100 दिन का रोजगार प्रदान किया जाएगा. एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है.


Reporter-Amit Yadav