Jaipur: जवाहर कला केंद्र में जारी 25वें लोकरंग महोत्सव में लोग बढ़-चढ़कर कर हिस्सा ले रहे हैं. सात राज्यों के लगभग 160 लोक कलाकारों ने शिल्पग्राम और मध्यवर्ती में हुई प्रस्तुतियों के जरिए दर्शकों का दिल जीता. मध्यवर्ती में लंगा-मांगणियार बच्चों की गायन प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. 


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‘मुजरो मान लीजो सा’ गीत के साथ उन्होंने आगंतुकों का सुरीले अंदाज में स्वागत किया. राजस्थानी गीतों के साथ सारंगी, खड़ताल, ढोलक और हारमोनियम की संगत रही. गुजरात के टिपणी नृत्य के साथ महफिल आगे बढ़ी. घूमर की प्रस्तुति ने लोगों के दिलों पर छाप छोड़ी.


मध्य प्रदेश से आए कलाकारों ने शैला नृत्य की प्रस्तुति दी. मणिपुर में होली पर किए जाने वाले ढोल चोलम नृत्य ने लोगों का ध्यान खींचा. डांसर्स के करतबों ने लोगों को रोमांचित किया. छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने गेड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी. गेड़ी पर चढ़कर नृत्य करते कलाकारों ने बेहतर संतुलन का प्रदर्शन किया. 


वहीं ओडिशा के गोटीपुआ नृत्य की प्रस्तुति बेहद खास रही. कलाकारों ने नृत्य में आंगिक अभिनय और करतबों की जो प्रस्तुति दी, उसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कलाकारों ने बताया कि पुरी जगन्नाथ मंदिर में भगवान के शयन के समय यह नृत्य पेश किया जाता है. स्थानीय लोगों में भी यह बहुत लोकप्रिय है. लावणी की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम आगे बढ़. भवाई नृत्य की प्रस्तुति ने राजस्थानी लोक कला के वैभव को जाहिर किया. ओडिशा के रसरकेलि नृत्य की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.


Reporter- Anoop Sharma


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