Jaipur: राजधानी जयपुर पिंकसिटी के नाम से मशहूर है तो वहीं अब लेपर्ड सफारी के नाम से देश दुनिया के नाम से जानी जा रही है. झालाना के बाद आमागढ़ लेपर्ड सफारी का क्रेज पर्यटकों में बढ़ता देखा जा रहा है. राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है जहां जयपुर में पर्यटकों तीन लेपर्ड सफारी करने को मिलेगी.अभी दो लेपर्ड सफारी पर्यटकों के लिए सुचारू रूप से संचालित हो रही है.


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वहीं आने वाले समय में नाहरगढ़ लेपर्ड सफारी भी पर्यटकों के लिए देखने को मिलेगी. यानी कह सकते हैं कि जयपुर शहर के बीचोंबीच लेपर्ड सफारी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रही है. आमागढ़ लेपर्ड सफारी पर्यटकों के लिए इस लिए खास बन जाती है क्योंकि आमागढ़ जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को आमागढ़ से शहर की विरासत दिखती है. आमेर फोर्ट, नाहरगढ़ फोर्ट, जयगढ़ फोर्ट, जलमहल और धार्मिक गलताजी का नजारा और सुकून भर देता है. जयपुर ऐतिहासिक स्थलों के साथ जंगल सफारी रोचक कर रही है.


जयपुर गुलाबी शहर पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बनता जा रहा है. जयपुर वाइल्ड लाइफ ट्यूरिज्म पिंकसिटी की नई पहचान बनता जा रहा है. अभी तक जयपुर श्हर में आमेर की हाथी सफारी पर्यटकों का आकर्षण रहा है लेकिन अब लायन सफारी,झालाना लेपर्ड सफारी और आमागढ़ लेपर्ड सफारी नए आकर्षण के रूप में उभर रहा है.


जयपुर में जल्द ही टाइगर सफारी,नाहरगढ़ लेपर्ड सफारी और बर्ड सफारी की भी सौगात मिलने वाली है. झालाना लेपर्ड सफारी तो पर्यटकों में पहले से ही लोकप्रिय है. यहां बॉलिबुड सिलेब्रिटीज,खेल जगत के सितारे और कॉपरेट हस्तियों का आना जाना लगा रहता है. संजय दत्त,रणदीप हुड्डा,रवीना टंडन, अर्जुन और अंजली तेंदुलकर,प्रवीण परदेसी,साइना नेहवाल जैसे सैकड़ों नामों की फेहरिस्त है जो कि झालाना की लोकप्रियता का बयान करती है. वन विभाग द्वारा अब जयपुर में बढ़ती लेपर्ड संख्या और झालाना से वाया आमागढ़, नाहरगढ़, जमवा रामगढ़, अचरोल, रायसर होते हुए सरिस्का तक वृहद लेपर्ड कॉरिडोर की कल्पना को साकार करने पर तेजी से काम किया जा रहा है. 


जयपुर के दूसरे लेपर्ड रिजर्व के तौर पर आमागढ़  22  को शुरू किया जा चुका है. यहां पहले एक पखवाड़े में ही 45 वाहनों से 270 पर्यटक पहुंचे हैं जो किसी भी नए रिजर्व के लिए रिकॉर्ड हैं. हालांकि इस अवधि में झालाना में 229 वाहनों से 1374 पर्यटक पहुंचे. आमागढ़ में लेपर्ड, हाईना और वन्यजीवों के साथ जयपुर की हैरिटेज यानी आमेर, नाहरगढ़, जयगढ़, जलमहल, गलताजी को निहारना इस सफारी को और भी रोचक और आकर्षक बना रहा है.


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इसी वजह से आमागढ़ हेरिटेज लेपर्ड सफारी के तौर पर तेजी से लोकप्रिय हो रही है. पीसीसीएफ हॉफ डॉ डीएन पाण्डेय की माने तो राजधानी जयपुर में कार्बन उत्सर्जन नियंत्रित करने या हवा की शुद्धता को कायम रखने और भूजल स्तर को गिरने से रोकने में झालाना, आमागढ़ और नाहरगढ़ के वनों को अहम योगदान हैं. उम्मीद की जानी चाहिए कि आने वाले समय में झालाना से सरिस्का वृहद लेपर्ड कॉरिडोर का सपना तो साकार होगा ही साथ ही वन और पर्यावरण संरक्षण में भी जयपुर मॉडल को दुनियाभर में अपनाया जाएगा.


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