Jaipur: राजस्थान में नशे के खिलाफ लड़ाई से पहले ही ब्रेक लग गया है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पत्र के बाद पीएचक्यू ने प्रदेश में मादक  पदार्थों की रोकथाम और तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एंटी ड्रग्स की 9 नई चौकियों के गठन का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था. 
वित्त विभाग ने इन चौकियों के गठन पर असहमति व्यक्ति कर दी. ये चौकियां नशे के कारोबार से सबसे ज्यादा प्रभावित जयपुर सहित 9  जिलों में खोली जानी थी.


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राजस्थान में नशा लोगों नसों में घुलता जा रहा है. न केवल युवा बल्कि छोटी उम्र के बच्चे भी इसका शिकार हो रहे हैं और नशे की लत ने युवाओं को अपराध की तरफ शुरू कर दिया है. माफिया अफीम ढांडा, चूरा, हेरोईन, बाउन शुगर, गांजा, चरस आदि मादक पदार्थों के अलावा सिन्थेटिक साईकोट्रॉपिक ड्रग्स जहर घोल रहे हैं. दूसरे राज्यों के साथ ही राजस्थान से लगती पाकिस्तानी बॉर्डर भी इन मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ा रही है. इधर मादक पदार्थ की तस्करी की रोकथाम के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एन्टी ड्रग्स) के साथ ही सबसे ज्यादा प्रभावित 9 जिलों में एंटी ड्रग्स चौकियां गठित करने का प्रस्ताव भेजा था. राज्य सरकार  ने एंटी ड्रग्स टॉस्क फोर्स के गठन को मंजूरी दे दी, लेकिन चौंकियों के गठन पर असहमति की तलवार लटका दी. 


 मुख्य बिंदु


-  प्रदेश में सुनियोजित तरीके से मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही है.
- तस्करी में बड़े पैमाने पर अवैध हथियार व चोरी के वाहनों का प्रयोग किया जा रहा है.
- इसके साथ ही हवाला के जरिए धन राशि का लेन-देन हो रहा है.
- पिछले तीन साल में राजस्थान में मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई की गई. 
- वर्ष 2019 में मादक पदार्थों के 2592, वर्ष 2020 में 2743 तथा वर्ष 2021 में 2989 केस दर्ज किए गए.
- एसओजी के अधीन एस.टी.एफ. (एन्टी-ड्रग्स) गठित की गई है, जिसमें महज नौ पद सृजित किए गए हैं.
- वहीं दूसरी ओर प्रभावित जिलों में कार्रवाई के लिए एसओजी की नौ नई चौकियों के गठन का प्रस्ताव भेजा गया था.
- राज्य के सबसे ज्यादा प्रभावित नौ जिलों  जयपुर, जोधपुर, कोटा,  श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और उदयपुर में चौकियां गठित करनी थी.
- इधर वित्त विभाग ने एसओजी में एंटी ड्रग्स की 9 नई चौकियों  के गठन पर असहमति व्यक्त कर दी.
-  साथ ही सलाह दी कि पहले एसओजी चौकियों के रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई करें. ये चौकियां प्रभावी रूप से कार्य करने में सक्षम बन सके.
-  वित्त विभाग की अहसमति के बाद गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय से नए सिरे से कार्ययोजना मांगी है. 


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