Christmas 2023 : 25 दिसंबर को पूरे विश्व में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. क्रिसमस पर सभी चर्च रंगीन फर्रियों और बल्बों की रोशनियों से जगमगा रहे हैं. जयपुर में भी क्रिसमस के तैयारी पर गिरजाघरों को खास तौर पर सजाया गया है. घर-घर क्रिसमस ट्री लगाए गए हैं, तो क्रिसमस केक भी तैयार किए गए है. लोग प्रभु यीशु को याद कर  एक- दूसरे को केक खिलाकर क्रिसमस की बधाई दे रहे है . गिरजाघरों में यीशु के जन्म को दर्शाती हुई झांकियां लगाई गई हैं और विशेष प्रार्थना सभाओं का भी आयोजन किया जा रहा है.


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क्रिसमस के त्योहार से जुड़ी कई परंपराएं खास
 प्रभु यीशु के सामने मोमबत्तियां जलाकर लोग उनसे जीवन में प्रकाश की कामना करते हैं. विभिन्न रंगों की मोमबत्तियां जलाने से जीवन में खुशियां और सफलता आती हैं. प्रभु के जन्मोत्सव की खुशी में घंटियां सजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. और उन घंटियों की आवाज से उमंग पैदा होती है. खुशियां बांटने के लिए केक काटकर लोगों में बांटकर खुशिया मनाई जाती है. केक खाने से तनाव और अवसाद खत्म होता है और खुशी मिलती है.


 क्रिसमस पर लोगों को उपहार और जरूरतमंदों को कपड़े, मिठाइयां और खाने की चीजें बांटने की भी परम्परा है. प्रभु यीशु संसार में सुख-शांति लेकर आए थे ,उनके इन्हीं संदेशों को अपनाते हुए मानव कल्याण की दिशा में काम करना चाहिए.


क्रिसमस के मौके पर गुलाबी नगरी जयपुर के सेंट एंड्रयूज चर्च के  सचिव जॉन जडसन ने बताया कि, इस दिन सभी गिरजाघर रंगीन बल्बों की लड़ियों और फर्रियों से सजाए जाते है. गिरजाघरों में प्रभु यीशु के जन्म की झांकियां सजाई जाती है. वहीं क्रिसमस ट्री सजाए गए हैं. ईसाई समुदाय ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोग परिवार के संग गिरजाघर इन्हें देखने पहुंचते है . जगह-जगह सांता क्लॉज छोटे बच्चों को उपहार, चॉकलेट बांटते है. यही नहीं छोटे बच्चे सांता के बनकर खुश होते  है.