Jaipur: पूर्व मंत्री के बेटे राकेश मोरदिया सहित दो के खिलाफ प्रसंज्ञान, एफआर नामंजूर
Jaipur News: फर्जी दस्तावेज बनाकर प्लाट हड़पने से जुडे़ मामले में पुलिस की एफआर को नामंजूर करते हुए पूर्व मंत्री परसराम मोरदिया के बेटे आरोपी राकेश मोरदिया व अन्य आरोपी नेमीचंद गर्वा के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है.
Jaipur News: अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-4 महानगर प्रथम ने तीस साल पहले फर्जी दस्तावेज बनाकर प्लाट हड़पने से जुडे़ मामले में पुलिस की एफआर को नामंजूर करते हुए पूर्व मंत्री परसराम मोरदिया के बेटे आरोपी राकेश मोरदिया व अन्य आरोपी नेमीचंद गर्वा के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है. वहीं कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 5-5 हजार रुपए के जमानती वारंट से तलब करते हुए 22 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिए हैं.
प्लाट हड़पने से जुडे़ मामले में पूर्व मंत्री के बेटे के खिलाफ मामला दर्ज
अदालत ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि वह मामले के प्रथम चालान के साथ पेश की गई अभियोजन के गवाहों की सूची में से राकेश मोरदिया का नाम हटा दे, क्योंकि किसी भी व्यक्ति को उसके स्वयं के खिलाफ ही साक्ष्य देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. वहीं अदालत ने जमानती वारंट की तामील करवाने की जिम्मेदारी डीसीपी साउथ को दी है.
कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 5-5 हजार रुपए के जमानती वारंट से किया तलब
कोर्ट ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट से यह साबित है कि भूखंड को हड़पने में आरोपियों ने फर्जीवाड़ा किया था और कूटरचित समर्पण पत्र पर राकेश व नेमीचंद की लिखावट मौजूद है. ऐसे में आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों से प्रार्थी के हक समाप्त कर राकेश के हकों को सृजित किया है. कोर्ट ने यह आदेश परिवादी जगदीश चन्द्र भार्गव के मामले के अग्रिम अनुसंधान करवाने व पुलिस की एफआर को नामंजूर करने वाले प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए.
ये भी पढ़ें- Ajmer News:ख्वाजा साहब की दरगाह में मिनी उर्स के मौके पर जेबतराशी की घटना बढ़ी, रस्सियों से हाथ बांधकर जायरीन ने पीटा
पुलिस ने यह कहते हुए राकेश व अन्य के खिलाफ एफआर पेश कर दी थी कि उनका इस मामले में कोई अपराध बनना नहीं पाया है. जबकि एफएसएल रिपोर्ट से साबित था कि आरोपियों ने फर्जीवाड़ा किया है. गौरतलब है कि पुलिस ने आरोपियों को बचाने के लिए एफएसएल रिपोर्ट को 26 साल तक पुलिस थाने में ही रखा और बाद में कोर्ट की सख्ती के चलते ही इसे खुली हुई हालत में पेश किया.