Rajasthan High Court News:राजस्थान हाईकोर्ट ने संविदाकर्मी को पद से हटाने और उसे पूरा वेतन नहीं देने से जुडे मामले में पांच साल पहले नोटिस जारी होने के बावजूद भी चिकित्सा विभाग की ओर से जवाब पेश नहीं करने को गंभीर माना है. 


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वीरेन्द्र कुमार शर्मा की याचिका पर सुनवाई
इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य सचिव को 15 मार्च को हाजिर होने को कहा है. अदालत ने स्वास्थ्य सचिव से पूछा है कि अब तक मामले में उदासीनता बरतते हुए जवाब पेश क्यों नहीं किया गया. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश वीरेन्द्र कुमार शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.



याचिकाकर्ता को पूरा वेतन भी नहीं जा रहा
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता बूंदी की एक सीएचसी में फार्मासिस्ट पद पर संविदा पर कार्यरत है. विभाग उसे हटाकर दूसरे संविदाकर्मी को नियुक्त करना चाहता है. इसके अलावा याचिकाकर्ता को पूरा वेतन भी नहीं जा रहा है. 


 चिकित्सा विभाग को नोटिस जारी
जबकि एक संविदाकर्मी को हटाकर उसके स्थान पर नियमित भर्ती से आए अभ्यर्थी को ही नियुक्त किया जा सकता है. संविदाकर्मी के स्थान पर संविदाकर्मी की नियुक्ति नहीं हो सकती. याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि अदालत ने मामले में 9 अगस्त, 2019 को चिकित्सा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. 



इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से वेतन दिलाने के लिए भी समय-समय पर प्रार्थना पत्र पेश किए गए, लेकिन विभाग की ओर से अब तक याचिका और प्रार्थना पत्रों को जवाब पेश नहीं किया गया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने चिकित्सा सचिव को पेश होकर इस संबंध में अपना जवाब देने को कहा है.


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