Jaipur News: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों एवं इनके सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या तथा त्योहारी सीजन में आतिशबाजी एवं सर्दी के मौसम के कारण वायु की गुणवत्ता के गिरते स्तर के दृष्टिगत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने आमजन की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर दिशा-निर्देश दिए हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उन्होंने कहा है कि वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियों एवं श्वसन तथा हृदय रोग के मरीजों के लिए प्रदेशभर के अस्पतालों में आवश्यक चिकित्सा प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं. उन्होंने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी की प्रभावी पालना सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं.


य़ह भी पढ़ें- चुनावी माहौल में 'गारंटी' का जादू दिखाकर वोट बटोरने की कोशिश, BJP-कांग्रेस लगा रही जोर


 


सिंह ने कहा है कि श्वसन संबंधी रोगों से ग्रसित बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों आदि के लिए वायु प्रदूषण घातक साबित हो सकता है, इसलिए इससे बचाव के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाएं. प्रदेश के सभी अस्पतालों की इमरजेंसी, इनडोर, आउटडोर, शिशु रोग इकाई आदि में जांच एवं उपचार आदि के माकूल इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.


रोगी को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा है कि दीपावली के अवकाश के कारण अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाओं में किसी तरह की कमी नहीं रहे. चिकित्सकों, नर्सिंगकर्मियों एवं अन्य स्टाफ की रोटेशन के आधार पर ड्यूटी लगाई जाए, ताकि रोगियों को आसानी से उपचार सुलभ हो. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि सभी चिकित्सा संस्थानों में बैड, आवश्यक उपकरण एवं दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित हो. किसी रोगी को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़.


य़ह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव-2023: नामांकन वापस लेने का अंतिम दिन आज! 9 प्रत्याशियों ने छोड़ा मैदान


 


आमजन को जागरूक करने के भी निर्देश
सिंह ने वायु प्रदूषण की रोकथाम एवं इससे होने वाले रोगों से बचाव के लिए आमजन को जागरूक करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि आमजन को आतिशबाजी, डीजल-पेट्रोल से चलने वाले व्हीकल, जनरेटर, धूम्रपान आदि के उपयोग से बचने की सलाह दी जाए. साथ ही उन्हें अत्यधिक वायु प्रदूषण वाले स्थानों पर अनावश्यक आवागमन से बचने के बारे में भी जागरूक किया जाए. 


अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि आईसीएमआर के हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत में वर्ष 2019 में हुई कुल मौतों में से करीब 17 लाख मौत वायु प्रदूषण जनित रोगों के कारण हुई है. यह कुल मौतों का करीब 18 प्रतिशत है, जो कि चिंता का विषय है. उन्होंने कहा है कि क्लाइमेट चेंज एवं मानवजनित गतिविधियों के कारण वायु प्रदूषण निरंतर बढ़ रहा है. इस पर प्रभावी रोकथाम के लिए सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जनसहभागिता बेहद आवश्यक है. प्रदेश में वायु प्रदूषण की रोकथाम एवं इससे होने वाले रोगों से बचाव के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी की अक्षरशः पालना सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं.