Jaipur: जयपुर कालाडेरा में बिचौलिए और बैंक मैंनेजर का कॉकटेल का सीक्रेट लीक हो गया है.बैंक मैनेजर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 5 करोड़ रुपयों का लोन अलग-अलग लोगों को फर्जी तरीके से बांट दिया.


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जब बैंक में ऑडिट टीम ने ऑडिट की तो इस पूरे गोरखधंधे का खुलासा हो गया और रीजनल मैनेजर ने कालाडेरा पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया.मुकदमे की जांच कर रहे कालाडेरा थानाधिकारी हर्बेन्द्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए सोमवार को आरोपी मैनेजर कमलेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया था.


ईमित्र संचालक के साथ सांठगांठ 


थानाधिकारी हर्बेन्द्र सिंह ने बताया कि आरोपी मैनेजर ने एक ईमित्र संचालक के साथ सांठगांठ करके इस वारदात को अंजाम दिया.आरोपी ईमित्र संचालक कमलेश जाट सामोद इलाके के भोपावास गांव का रहने वाला है, जिसने चौमूं में एक ई-मित्र की दुकान खोल रखी है. ईमित्र संचालक सरकारी कर्मचारियों को अपने झांसे में लेता. जिन कर्मचारियों की सिबिल खराब है.


उन कर्मचारियों को लोन स्वीकृत कराने की बात कहकर अपने झांसे में लेता.लॉन लेने वाले कर्मचारियों से दस्तावेज लेकर उनमें छोटी मोटी कांट छांट करके एक ही दिन में बैंक में खाता खुलवाकर लॉन स्वीकृत करवा देता.बदले में स्वीकृत लोन की राशि में से कुछ हिस्सा खुद अपने पास रख लेता. एक हिस्सा बैंक के मैनेजर कमलेश मीणा को देता.बाकी की राशि लोन लेने वाले कर्मचारी के पास आ रह जाती है.


42 लोगों को करीब 5 करोड़ रुपयों का लोन फर्जी तरीके से से बांट दिया


 इस तरह से ई-मित्र संचालक और बैंक मैनेजर ने सांठगांठ करके करीब 42 लोगों को करीब 5 करोड़ रुपयों का लोन फर्जी तरीके से से बांट दिया... जब इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ तो बैंक प्रशासन ने आरोपी बैंक मैनेजर को सस्पेंड कर दिया.


पुलिस ने आरोपी मानकर गिरफ्तार कर लिया.पुलिस ने आरोपी ई-मित्र संचालक कैलाश जाट को आज गिरफ्तार कर लिया है. जिससे पूछताछ की जा रही है. फर्जी तरीके से लोन देने वाले इस गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों की भूमिका की भी पुलिस गहनता से जांच कर रही है.कई अन्य आरोपी भी पुलिस की रडार पर हैं,जिन्हें पुलिस गिरफ्तार कर सकती है.


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