Jaipur: राजस्थान रोडवेज प्रशासन के सामने इन दिनों एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. आगामी दिनों में रोडवेज प्रशासन के लिए बसें चलाना मुश्किल हो जाएगा. बड़ी वजह यह है कि रोडवेज के बेड़े में अब काफी कम बसें रह गई हैं. ऐसा इतिहास में पहली बार होने जा रहा है जब मानकों के अनुरूप रोडवेज के पास 1500 से भी कम बसें बचेंगी. क्यों पैदा हुई यह स्थिति, आखिर कब रोडवेज प्रशासन की सुधर सकेगी स्थिति, देखिए, जी मीडिया की यह खास रिपोर्ट-


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राजस्थान रोडवेज प्रदेश में 1522 ऐसी बसों का संचालन कर रहा है, जो मानकों के अनुरूप कंडम हो चुकी हैं. रोडवेज की 1522 बसें 31 मार्च 2022 को उन मानकों को पूरा कर चुकी हैं, जिसके आधार पर रोडवेज प्रशासन किसी बस को अपने बेड़े से बाहर करता है. दरअसल नियम यह है कि एक बस को अधिकतम 8 लाख किलोमीटर या फिर 8 वर्ष की अवधि तक ही संचालित करता है. इस नियम के मुताबिक रोडवेज की 1522 बसें खटारा हो चुकी हैं. 


 मानकों के हिसाब से कंडम हो चुकी बसें


ये बसें 2 माह से ज्यादा समय पहले यानी 31 मार्च 2023 को ही मानकों के हिसाब से कंडम हो चुकी हैं. लेकिन रोडवेज प्रशासन इन बसों को अभी भी चलाए जा रहा है. दरअसल बसों की संख्या कम होने के चलते रोडवेज प्रशासन के लिए इन बसों को चलाना मजबूरी भी है. रोडवेज प्रशासन पिछले 5 साल में महज 876 बसें ही खरीद सका है. इसके अलावा पिछले 3 बार से रोडवेज बसों की खरीद का टेंडर निरस्त किया जा रहा है. 590 बसों की खरीद का टेंडर पिछले सप्ताह ही निरस्त किया जा चुका है, ऐसे में नई बसें नहीं आने और पुरानी बसें खटारा होने से रोडवेज का बेड़ा लगातार कम होता जा रहा है. 


रोडवेज प्रबंधन के सामने महासंकट


- 1522 बसों का संचालन अवधि पार होने के बावजूद संचालन


- दरअसल रोडवेज के बेड़े में हैं फिलहाल 2915 बसें


- पिछले 2 माह से 1522 कंडम बसों को चला रहा रोडवेज प्रशासन 


- मानकों के मुताबिक रोडवेज के पास बची हैं मात्र 1393 बसें


- इसके अलावा 750 अनुबंध की बसें भी चल रही रोडवेज में


- 1522 बसें हटाई तो इतिहास में सबसे कम 1393 बसें रहेंगी रोडवेज के पास


- औसतन 4500 बसें रहती आई हैं रोडवेज के बेड़े में


अन्य राज्यों से तुलना करें तो राजस्थान रोडवेज के पास अपेक्षाकृत रूप से काफी कम बसें बची हैं. दक्षिण भारत के ज्यादातर राज्यों में उन राज्यों की रोडवेज के पास पर्याप्त संख्या में बसें हैं. मध्यप्रदेश को छोड़ दें तो राजस्थान के पड़ोसी राज्य गुजरात, उत्तप्रदेश और हरियाणा में भी अपेक्षाकृत रूप से रोडवेज बसों की संख्या राजस्थान से अधिक है. जबकि क्षेत्रफल के लिहाज से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है. आईए आपको आंकड़ों में बाते हैं कि बड़े राज्यों में किस राज्य के पास हैं कितनी बसें- 


बड़े राज्यों में किस राज्य के पास कितनी बसें


- आंध्रप्रदेश रोडवेज के बेड़े में हैं 9014 बसें


- गुजरात रोडवेज के बेड़े में हैं 8072 बसें


- केरल रोडवेज के पास हैं 5263 बसें


- कर्नाटक रोडवेज के पास हैं 8199 बसें


- महाराष्ट्र रोडवेज के बेड़े में हैं 15529 बसें


- तमिलनाडु रोडवेज के बेड़े में हैं 6773 बसें


- उत्तर प्रदेश रोडवेज के पास हैं 8938 बसें


- जबकि राजस्थान रोडवेज के पास मात्र 2915 बसें


राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने यदि आगामी समय में इन 1522 बसों को बेड़े से बाहर किया तो महज 1393 बसें ही बचेंगी, जिनसे रोडवेज प्रशासन के लिए बस संचालन करना ही मुश्किल हो जाएगा. ऐसे में जब तक रोडवेज प्रशासन नई बसों की खरीद नहीं करता, रोडवेज प्रशासन के लिए इन बसों को चलाना मजबूरी बना रहेगा. 


Reporter- Kashiram Choudhary


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