जयपुर न्यूज: ये सरकारी सिस्टम का सच है.सप्ताह में फाइव डे वर्किंग डे होने के बावजूद जिम्मेदारों की खुमारी नहीं उतरती है.सरकारी ऑफिसों में सुबह 9.30 बजे शाम छह बजे से निर्धारित हैं.लेकिन अफसर हैं कि समय से दफ्तर ही नहीं पहुंचते.हालात तब है जब मुख्य सचिव सुधांश पंत खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं.


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आज प्रशासनिक सुधार विभाग की टीम को इस तरह की तस्वरी औचक निरीक्षण के दौरान नजर आई.आज एआरडी टीम ने नगर निगम हैरिटेज के किशनपोल जोन,गणगौरी अस्पताल, रामगंज में डिस्पेंसरी, पुरानी बस्ती में डिस्पेंसरी और पीएचईडी के मिस्त्री खाना ऑफिस का निरीक्षण किया.


सबसे ज्यादा दयनीय स्थिति नगर निगम हैरिटेज के किशनपोल जोन में नजर आई.जहां सुबह 9.45 बजे तक एक भी कर्मचारी-अधिकारी ऑफिस में नहीं पहुंचा था.


22 उपस्थिति रजिस्टर मौके पर ही जब्त किए गए


जोन कार्यालय में अधिकतर कमरों के ताले लगे मिले या फिर खाली कुर्सियां नजर आई.टीम के लोगों ने जब वहां मौजूद निचले स्टाफ से पूछा तो वे जवाब नहीं दे सके। निगम में स्थिति इतनी बुरी थी कि जोन के डिप्टी कमिश्नर पूजा मीणा अधिकारी खुद समय पर नहीं आई. इसके अलावा एक्सईएन समेत दूसरे अधिकारी भी मौके पर नहीं पहुंचे.निरीक्षण के दौरान 22 उपस्थिति रजिस्टर मौके पर ही जब्त किए गए.


 काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है


जिसमें 73 राजपत्रित में से 29 और 200 अराजपत्रित में से 32 कार्मिक अनुपस्थित मिले.प्रतिशत की हिसाब से देखे तो 39.72% राजपत्रित अधिकारी और 16% अराजपत्रित कार्मिक अनुपस्थित मिलें.कर्मचारियों और अधिकारियों की इस कार्यशैली से आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.


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