Jaipur: माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना अब 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही अब इस योजना का लाभ 31 मार्च 2022 तक के बकायादार खनन पट्टाधारियों, क्वारी लाइसेंस धारकों एवं रॉयल्टी ठेकेदारों को भी मिलेगा. विभागीय एमनेस्टी योजना का दायरा और अवधि बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए गए है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना की अवधि बढ़ाने की घोषणा की थी.


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अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलिय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने बजट 20023-24 की घोषणाओं की कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन शुरु कर दिया है. योजना में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, जुर्माना, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के अब 31 मार्च, 2022 तक के प्रकरणों पर लागू कर दी गई है. इस योजना से राज्य सरकार के वर्षों से बकाया राजस्व की वसूली में तेजी आई है. साथ ही इससे वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत और वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग होने लगा है.=


डॉ. अग्रवाल ने बताया कि योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है. जिन बकायादारों द्वारा पूर्व में ही मूल राशि जमा करा दी गई है और केवल ब्याज राशि बकाया है उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनिज अभियंता व सहायक खनि अभियंता द्वारा स्वतः माफ की जा सकेगी.


निदेशक माइन्स संदेश नायक ने बताया कि विभाग की एमनेस्टी योजना के परिणाम उत्साहजनक मिल रहे हैं और इसका दायरा बढ़ने से और अधिक लोग लाभान्वित हो सकेंगे. योजना प्रावधानों के अनुसार योजना अवधि में निर्धारित राशि जमा कराने पर ही योजना का लाभ मिल सकेगा. योजना की क्रियान्विति की पाक्षिक आधार पर समीक्षा की जा रही है और संबंधित खनिज अभियंता, सहायक खनिज अभियंता निर्धारित प्रपत्र में वित्तीय सलाहकार को प्रगति रिपोर्ट प्रेषित कर रहे हैं.