Jaipur: जयपुर पुलिस कमिश्नर आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान समय में इन्टरनेट और संचार तकनीक और कम्प्यूटर ट्रिक्स का प्रयोग कर संगठित रुप से साइबर अपराधों को देखते हुए सभी पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था. इस सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय द्वारा भी समय समय पर निर्देशित किया जाता रहा है. इसी क्रम में पुलिस मुख्यालय की राज्य विशेष शाखा से सूचना प्राप्त हुई थी कि जयपुर शहर में कई स्थानों पर कॉल सेन्टर्स में संगठित रुप में अलग अलग प्रकार से अलग अलग एप्लीकेशन्स का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ठगी की जा ही है. 


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इन्टेलीजेंस विंग और  जयपुर पुलिस की स्पेशल टीम ने किया ऑपरेॉशन


इस पर पुलिस मुख्यालय की इन्टेलीजेंस विंग और  जयपुर पुलिस की स्पेशल टीम सीएसटी और थानाधिकारियों को निगरानी रख ऐसे लोगों पर कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था.एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चन्द बिश्नोई ने बताया की जयपुर शहर में कई स्थानों पर कॉल सेन्टर्स में संगठित रुप में अलग अलग प्रकार से अलग अलग एप्लीकेशन्स का प्रयोग करते हुए राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ठगी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा, डीसीपी ईस्ट ज्ञानचन्द यादव के निर्देशन में सुलेश चौधरी, अति. पुलिस उपायुक्त, संगठित अपराध के नेतृत्व में CST जयपुर की टीम का गठन किया गया. 


 4 अवैध कॉल सेन्टरों पर कार्रवाई 


इन टीमों ने करीब  4 अवैध कॉल सेन्टरों पर कार्रवाई करते हुये कुल 40 युवक युवतियों को गिरफ्तार किया गया.यह संगठित अपराध का एक रूप है जिसमें कई स्तरों पर कई अपराधी शामिल होने की जानकारी सामने आई है. मौके पर गिरफ्त में आए चित्रकूट और रामनगरिया कॉल सेन्टर संचालित करने वाले अभियुक्तों द्वारा कॉल सेन्टर पर काम करने वाले युवक युवतियों के रहने खाने पीने और काम में आने वाले संसाधन मुहैया करवाये जाते है . आरोपियों द्वारा मुख्यतः यूएसए में टारगेट चुने जाते है इस काम के लिये बेडर, डायलर आदि अलग-अलग टर्म है. वेण्डर द्वारा टारगेट की इन्फोरमेशन दी जाती है. जिस पर इन लोगो द्वारा ऑनलाईन टू पीपल सर्च डाट काम और फास्ट पीपल सर्च जैसी वेबसाईट पर रेण्डमली कस्मटर के नाम सर्च करते है.


अरेस्ट वारन्ट जारी होने की दी जाती थी धमकी 


डायलर द्वारा कस्टमर को फोन करके कस्टमर विरुद्ध लीगल शिकायत प्राप्त होने की बात कहकर डराया धमकाया जाता है अरेस्ट वारन्ट जारी होने की धमकी दी जाती है. इसके बाद डराने के लिये टैक्सास से जारी न्यायिक आदेश जैसा लगने वाला नोटिस की फोटो कस्टमर को भेजी जाती है जब कस्टमर डर के मारे फंस जाता है तब बिटकॉन के रूप में कस्टमर से अरेस्ट वारन्ट को निरस्त करने के नाम पर अवैध रूप से धनराशि धोखे से हड़प ली जाती है. इसके अलावा थाना इलाका करणी विहार और भांकरोटा में पकड़े गये कॉल सेन्टरों द्वारा टारगेट व्यक्तियों के पीसी पर हैकिंग का मैसेज भेज कर उनकी आइडेन्टिटी को अपराधों में उपयोग होने की बात पर डराकर विवश करके उस हैकिंग को ठीक करने की एवज में धनराशि इस अपराध में सम्मिलित व्यक्तियों द्वारा धोखे से हड़पी जा चुकी है. 


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