Jaipur latest News: राजस्थान में 27-28 सितंबर को आयोजित हुई CET परीक्षा पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई. चार पारियों में आयोजित हुई इस परीक्षा में प्रदेश के 25 जिलों में लगभग 13 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी. शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हुई परीक्षा में सुरक्षा को लेकर जानेउ उतारने का मामला सामने आया. 


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राजधानी जयपुर के टोंक फाटक स्थित महात्मा गांधी मॉडल स्कूल में एक छात्र की सुरक्षा के नाम पर जांच करते समय जानेउ उतरवाई गई जिससे छात्र की भावना आहत हुई. छात्र की जानेऊ उतारने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंच गया. जनेऊ उतरवाने के मामले की मुख्यमंत्री को शिकायत की गई है. 


 



वहीं ब्राह्मण महासभा ने जनेऊ उतरवाने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) ग्रेजुएशन लेवल में विवाद शुरू हो गया है. आरोप है कि 27 सितंबर को सीईटी दूसरी पारी के पेपर में जयपुर में एक स्टूडेंट की जनेऊ उतरवा दी गई. अब ब्राह्मण संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


 



बांसवाड़ा के तलवाड़ा के रहने वाले हरेन दवे का एग्जाम सेंटर जयपुर के टोंक फाटक स्थित महात्मा गांधी स्कूल में आया था. हरेन ने बताया कि यहां दूसरी पारी में दोपहर 3 बजे परीक्षा केंद्र पहुंचा. यहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने जनेऊ उतारने के लिए कहा. इसपर विरोध किया. वह मुझे स्कूल के प्रिंसिपल के पास ले गए.


 



मामले को लेकर छात्र हरेन दवे ने बताया कि पुलिसकर्मी के बर्ताव को लेकर मैंने स्कूल प्रिंसिपल से भी शिकायत की. उन्हें बताया कि किसी भी परीक्षा में जनेऊ उतारने का प्रावधान नहीं है, लेकिन वह नहीं मानी. जब मैंने उनसे कहा कि आप जनेऊ उतारने के लिए मुझे लिखकर दे दीजिए, तो उन्होंने कहा कि आप बेवजह विवाद पैदा करना चाहते हैं. इसके बाद मैंने मजबूरी में जनेऊ उतारकर परीक्षा दी.


 



अखिल राजस्थान ब्राह्मण महासभा युवा के प्रदेश अध्यक्ष रामानुज शर्मा ने कहा कि ब्राह्मणों के साथ हुए व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. रामानुज शर्मा ने कहा कि सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे. जनेऊ उतारने का कोई नियम नहीं है. ऐसे में किसी दुर्भावनावस उतरवाई गई जनेऊ ब्राह्मणों का अपमान है. ऐसे में सरकार दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे, जो भी पुलिस अधिकारी व स्कूल प्रशासन हो उन पर कार्रवाई की जाए.


 



पूरे मामले को लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा कि जनेऊ में किसी तरह का लॉकेट या कोई धातु होता है, तो उतारना जरूरी होता है. इस मामले की जांच करवाई जाएगी. इसके साथ ही भविष्य में ऐसा न हो उसको लेकर भी कोई ठोस नीति बनाई जाएगी. अब देखने वाली बात ये है कि इस मामले में दोषी लोगों पर कितनी कार्रवाई होती है या फिर ब्राह्मण समाज का आक्रोश झेलना पड़ता है.