Jaipur News : नाजुक दौर में बच्चे गला काट प्रतिस्पर्धा का कर रहे सामना- मुख्य सचिव शर्मा
Jaipur News : एक के बाद एक हो रहे कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड मामलों को मुख्य सचिव उषा शर्मा ने एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक का आयोजन किया. प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में पढाई करने वाले स्टूडेंट्स में तनाव कम करने और उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने के निए दिशा निर्देश 2023 की अनुपालना में एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया.
Jaipur : एक के बाद एक हो रहे कोचिंग स्टूडेंट्स के सुसाइड मामलों को मुख्य सचिव उषा शर्मा ने एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक का आयोजन किया. प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में पढाई करने वाले स्टूडेंट्स में तनाव कम करने और उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर करने के निए दिशा निर्देश 2023 की अनुपालना में एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि बच्चों में पढ़ाई के अवांछित तनाव को कम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि वह हताश और निराश होकर गलत कदम ना उठा लें.
हो रही गला काट प्रतिस्पर्धा
बच्चे अपने उम्र के बहुत ही नाजुक दौर में अपने माता-पिता से दूर कोचिंग में पढ़ने आ जाते हैं, जहां उन्हें गला काट प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है. कोचिंग संस्थानों द्वारा भी अपनी सफलता दर बढ़ाने के लिए बच्चों को इस अंधी दौड़ में धकेल दिया जाता है. उन्होंने कहा कि बच्चे हमारी धरोहर हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि पढ़ाई के बोझ की वजह से किसी बच्चे की जान ना जाए. शर्मा ने कहा कि पढ़ने वाले बच्चों में इस तरह की किसी भी अप्रिय घटना को रोकने की जिम्मेदारी कोचिंग संचालकों की है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से इस दिशा में प्रयास किया जा रहे हैं. उन्होंने हर 10 दिन में इस संबंध में बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए.
निर्देशों की पालना करने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टर और जिला एसपी को भी जिले के कोचिंग संस्थानों में राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. बैठक में प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा भवानी सिंह देथा ने बताया कि विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए समिति द्वारा संबंधित स्टेक होल्डर जैसे कोचिंग संचालकों, अभिभावकों, मनोवैज्ञानिक सलाहकारों, शिक्षाविदों आदि से विस्तृत विचार विमर्श कर सुझाव प्राप्त किए गए हैं. उन्होंने बताया कि प्राप्त सुझावों का गहन अध्ययन-विश्लेषण करने के बाद उच्च स्तरीय समिति द्वारा रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दी गई है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा कोचिंग संचालकों के साथ संवाद भी किया गया था.
उच्च स्तरीय समिति का किया गया गठन
मुख्यमंत्री के निर्देशों की अनुपालना में समस्या के समाधान के लिए कार्य योजना बनाने के लिए प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा एक उच्च स्तरीय समिति का गठन भी किया गया है. बैठक में कोचिंग संस्थाओं हेतु दिशा निर्देश जारी किए गए जिसमें मुख्यता से इस बात पर बल दिया गया की नौंवी क्लास से पहले कोचिंग संस्थानों में प्रवेश न दिया जाए. समिति द्वारा विद्यार्थियों में बढ़ते तनाव-मानसिक दबाव के कारणों की चर्चा भी की गई. और इससे निजात पाने के उपायों पर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए.
इसमें असेसमेंट रिजल्ट सार्वजनिक नहीं करने, डेढ़ दिन का साप्ताहिक अवकाश देने, बच्चों और शिक्षकों का अनुपात सही करने, इजी एग्जिट एवं हेल्पलाइन सेवाएं और निगरानी व्यवस्था को 24 घंटे सुचारू रूप से चलाये जाने की व्यवस्था के निर्देश दिए गए. साथ ही रिफंड पॉलिसी को अपनाने पर भी जोर दिया गया. काउंसलिंग एवं ट्रेनिंग संबंधित दिशा निर्देश भी जारी किए गए. बैठक में शासन सचिव स्कूल शिक्षा नवीन जैन, आयुक्त कॉलेज शिक्षा सुनील शर्मा और राजस्थान स्वास्थ्य मिशन के निदेशक जितेंद्र कुमार सोनी ने भी अपने सुझाव दिए.
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