Jaipur: जयपुर समेत पूरे प्रदेशभर में मदरसों में दीनी-दुनियावी तालीम के साथ ही बच्चों को स्मार्ट बनाने का दावा करने वाले मदरसा बोर्ड की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. मदरसों में कम्प्यूटरों की संख्या बढ़ाते हुए इंटरनेट कनेक्शन पूरे नहीं होने से बच्चों को भी परेशानी हो रही है.


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जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कुल 3240 मदरसों में से 296 मदरसों को ही कम्प्यूटर उपलब्ध करवाए गए. जिनमें भी इंटरनेट कनेक्शन नहीं लगाया गया. ऐसे में रोजाना दस से अधिक शिकायतें विभाग के शिक्षा संकुल स्थित मुख्यालय में पहुंच रही है.वहीं मदरसा बोर्ड चेयरमैन एमडी चोपदार ने 500 मदरसों के आधुनिकरण के लिए टेंडर जारी करने के दावे किए जा रहे.


मदरसों की जुटाई गई जानकारी


इधर जिम्मेदारों का कहना है कि मदरसों में सबसे पहले पेयजल, फर्नीचर, बिजली की व्यवस्था, शौचालय आदि  सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है. मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की कुल संख्या के बारे में भी जानकारी जुटाई गई है. इस सर्वे के दौरान मदरसे का नाम, मदरसे को संचालित करने वाली संस्था का नाम और यहां कब से पठन-पाठन हो रहा है, इसका भी ब्योरा लिया गया है. ताकि ज्यादा आवाजाही जगहों वाले मदरसों में बच्चों को फायदा मिल सके.इसके साथ ही वर्ष 2022—23 के बजट में 500 पंजीकृत मदरसों के टेंडर करने की बात कही जा रही. वहीं इस बजट में मुख्यमंत्री ने 500 और मदरसों को स्मार्ट मदरसें बनाने के लिए 25 करोड का बजट जारी किया.


आनन-फानन में किया आवंटन निरस्त


अल्पसंख्यक मामलात विभाग के आवेदन पर जयपुर विकास प्राधिकरण ने जगतपुरा-गोनेर क्षेत्र में पांच माह पूर्व अल्पसंख्यक बालक छात्रावास की भूमि आवंटन कर सभी कार्यवाही पूर्ण कर ली थी. अल्पसंख्यक विभाग ने राज्य सरकार से अल्पसंख्यक बालक छात्रावास के लिए लगभग 12 करोड़ रुपए की राशि का टेंडर जारी कर निर्माण कार्य के लिए कार्यादेश जारी कर दिया. 


कांग्रेस सरकार के ही स्वायत शासन मंत्री शांति धारीवाल ने अल्पसंख्यक बालक छात्रावास के लिए आवंटन निरस्त कर दिया. ऐसे में अल्पसंख्यक संगठनों की ओर से सीएम आवास का घेराव की चेतावनी दी गई. वहीं मदरसा बोर्ड चेयरमैन चौपदार ने बताया कि छात्रावास के लिए आवंटन निरस्त भूमि की जगह सांगानेर में भूमि देने की बात कहीं गई. जल्द ही अल्पसंख्यक बालक छात्रावास का निर्माण कर दिया जाएगा.