Govind Devji holi: जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में 51 सालों का परंपरागत फागोत्सव का धमाल कल से शुरू होगा.आठ दिवसीय फागोत्सव 6 मार्च तक चलेगा. जिसमें 4 दिन में करीब 400 कलाकार फाग के रंग बिखरेंगे. फाग की प्रस्तुति से कलाकार गोविंद को रिझाएंगे. वहीं बरसाने की लट्ठमार होली भी यहां कलाकारों के जरिए साकार होगी. इस बीच गोविंद के दरबार में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल भी देखने को मिलेगी.


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बता दें कि हर बार अष्टमी से दशमी तक तीन दिवसीय सांस्कृतिक होलिकोत्सव मनाया जाता है. लेकिन इस बार दशमी तिथि बढ़ने से चार दिन ही उत्सव होगा. 27 से 2 मार्च तक होने वाले होलिकोत्सव में चार दिन तक 400 से ज्यादा कलाकार ठाकुरजी के समक्ष सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे. 


 



इस फागोत्सव में होलिकोत्सव की शुरुआत रेखा सैनी के साथ उनके 10 सहयोगी कलाकारों की कथक की ठुमरी से होगी. इसमें श्रीकृष्ण,राधा और सखियों के संग होली खेलने की प्रस्तुतियां दी जाएंगी. सैनी पिछले 20 सालों से ठाकुरजी के समक्ष लगातार अपनी कला की प्रस्तुति देकर हाजरी लगा रही हैं. चारों दिन दोपहर 12:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों से कलाकार ठाकुरजी को रिझाएंगे.होली खेलने में कभी सखियां श्रीकृष्ण पर भारी पड़ेंगी तो कभी श्रीकृष्ण सखियों खूब रंग बरसाएंगे. इसमें ठाकुरजी के समक्ष फाग के रंग बिखरेंगे, होली के गीतों की धमाल नजर आएगी.कलाकार सत्संग भवन में नृत्य और गायन की प्रस्तुतियां देंगे.


 सांप्रदायिक सौहार्द की पेश करेंगे मिसाल


भजन गायक फाल्गुनी भजनों की स्वर लहरियां बिखेरंगे, वहीं नर्तक-नृत्यांगना कथक, कालबेलिया, चरी सहित अन्य शास्त्रीय, उपशास्त्रीय और लोक नृत्य के माध्यम से भावाभिव्यक्ति देंगे. कार्यक्रम संयोजक गौरव धामानी ने बताया कि ठाकुरजी के दरबार में हिंदू , मुस्लिम और जैन समुदाय के कलाकार अपनी धार्मिक प्रस्तुतियों से सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करेंगे.इस बीच 2 मार्च को बरसाने की लट्ठमार होली साकार होगी.अविनाश शर्मा के निर्देशन में करीब 60 कलाकार लट्ठमार होली को साकार करेंगे.

फागोत्सव में 3 व 4 मार्च तक पुष्प फागोत्सव मनाया जाएगा.इसमें कोलकता के भजन सम्राट बाल व्यास श्रीकांत शर्मा भजनामृत वर्षा करेंगे.दोनों दिन कार्यक्रम दोपहर एक से शाम 4:30 बजे तक होगा.इसमें बरसाने की लट्ठमार होली, फूलों की होली सहित अनेक रंगारंग कार्यक्रम होंगे.


खास बात यह है कि इस उत्सव में मुस्लिम कलाकार भी भजनों की प्रस्तुति देंगे.आठ दिवसीय फागोत्सव में 5 मार्च को कोलकता के पं. मालीराम शास्त्री होली पदों गायन के साथ चग-ढप की धमाल मचाएंगे.ठाकुरजी के संग श्रद्धालु 6 मार्च को गुलाल होली खेलेंगे. निज मंदिर प्रांगण में राजभोग आरती के बाद यह गुलाल होली खेली जाएगी.


51 वर्षों से कलाकार दे रहें प्रस्तुतियां


बता दें कि ठाकुरजी के समक्ष पिछले 51 वर्षों से कलाकारों की कई पीढ़ियां अपनी कला की प्रस्तुति देकर हाजरी लगा रही हैं.51 सालों से ठाकुरजी के दरबार में यह आयोजन गोपाल धामाणी और उनका परिवार कराता आ रहा है. परिवार के गौरव धामाणी बताते हैं कि कलाकारों की चौथी और तीसरी पीढिय़ां इस होलिकोत्सव में शामिल होंगी.मंदिर के प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि फागोत्सव के दौरान 5 मार्च तक प्रतिदिन रचना झांकी के दर्शन दोपहर 3 से 4:30 बजे के बीच होंगे. यदि गोविंददेवजी मंदिर में फागोत्सव के फ्लैशबैक में जाएं तो फागोस्त्व में 41 साल से हाजिरी लगा रहे गिरधारी जी का ग्रुप- तीसरी पीढ़ी के कौशलकांत टीम के साथ कथक प्रस्तुत करेंगे.


वहीं 41 साल से रूप सिंह शेखावत ग्रुप-तीसरी पीढ़ी के पोते 10-15 कलाकारों के साथ भवई नृत्य की प्रस्तुति देंगे. 31 साल से हाजिरी लगा रहे अविनाश शर्मा ग्रुप का 40-45 कलाकार हर दिन अगल-अगल प्रस्तुति देंगे.खासतौर से यह ग्रुप लट्ठमार होली की प्रस्तुति देता है.26 सालों से कथक केंद्र- रेखा ठाकुर 15 कलाकारों की टीम के साथ प्रस्तुती देंगी. 26 साल से शशि सांखला व रीमा सांखला कथक की प्रस्तुति से ठाकुरजी को रिझा रही हैं. 


ढाई फीट के मूंगाराम  लगाएंगे हाजरी


26 सालों से ढाई फीट के मूंगाराम इस बार अपनी 10 कलाकारों की टीम के साथ हाजरी लगाएंगे.16 सालों से हाजिरी लगा रहे  अहमदाबाद के राजेंद्र गंगानी इस बार कथक फ्यूजन की प्रस्तुति देंगे.8-9 साल से गोविंद के दरबार में हाजिरी लगा रहे  मुस्लिम परिवार के समंदर खां और जस्सू खां अपने भजनों से ठाकुरजी को रिझाएंगे.20 साल से फागोत्सव में अपनी प्रस्तुति दे रहे आलोक भट्ट, कुंजबिहारी जाजू, सर्वोत्तम भट्ट, गोपाल सिंह राठौड, मोहन बालोदिया, कमल कांत कौशिक, प्रवीण मिर्जा, संजय रायजादा और मंजू शर्मा अपनी कला की प्रस्तुतियां देंगे.


बहरहाल, छोटी काशी में जहां श्रीकृष्ण के स्वरूप शहर के आराध्य गोविंददेवजी के दरबार में होली के रंग होलीकोत्सव के रूप में फाग के रंग बिखरेंगे.सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच कलाकार पुष्प वर्षा, चंग, धमाल, बांसुरी वादन के साथ भजनों की स्वर लहरियां सुनाई देंगी. भजनों की अमृत वर्षा के बीच फाल्गुनी नृत्य की प्रस्तुतियां भी देखने को मिलेगी.