JaipurNews: जयपुरवासियों को देवस्थान विभाग के अधीन मंदिरों का इतिहास की जानकारी देने के लिए देवदर्शन पदयात्रा शनिवार को राजधानी में निकाली गई.. यह पहली बार है कि राज्य सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से इस तरह से पहल की गई हैं.छोटीकाशी में ये मंदिर न केवल लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र हैं.वरन् यहां का स्थापत्य, इतिहास टूरिस्ट को भी आकर्षित करता रहा है.इस देवदर्शन पदयात्रा में देवस्थान विभाग मंत्री शकुंतला रावत सहित अन्य ब्यूरोक्रेसी से जुडे अफसर, संत-महंत और जयपुरवासी भक्ति के रंगे.


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शनिवार को सूर्यसप्तमी की सुबह सूर्य की पहली किरण के साथ ही छोटीकाशी भक्ति-भाव में सराबोर  हो गई.  जयपुर के देवस्थान विभाग की ओर से मंदिरों के दर्शनों के साथ इनकी इतिहास की जानकारी देने के लिए शनिवार को राजधानी में देवदर्शन पदयात्रा निकाली गई.जिसमें देवस्थान मंत्री से लेकर मेयर, अफसर और शहरवासी पूरी तरह से भक्ति के रंग में रंगे हुए दिखे.


भगवान विग्रह को सिर पर लेकर  प्रदेश की खुशहाली की कामना
पूरी देवदर्शन यात्रा में भगवान विग्रह को सिर पर लेकर प्रदेश की खुशहाली की कामना की गई.बड़ी चौपड स्थित लक्ष्मीनारायण बाइजी का मंदिर से इस पदयात्रा की शुरूआत हुई. जहां सभी को मंदिर के इतिहास के बारे में जानकारी दी गई.इसके बाद पदयात्रा मंदिर श्री ब्रजराज बिहारीजी त्रिपोलिया बाजार तक गई. जहां मंदिर के इतिहास और उसकी आभा को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किया.


मंदिर श्री ब्रजनिधी जी चांदनी चौक, मंदिर श्री आनन्दकृष्ण बिहारी जी चांदनी चौक, मंदिर श्री गोवर्धननाथ जी हवामहल, मंदिर श्रीकल्कि जी सिरहड्योढी बाजार होकर मंदिर श्री रामचन्द्र जी सिरहड्योढी बाजार में पदयात्रा सम्पन्न हुई.पदयात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया..पदयात्रा में हरे राम- हरे कृष्ण का भजन और झाल-मजीरा के साथ नाचते-गाते हुए मंत्री, मेयर, जयपुरवासी, अफसर नजर आए.


इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनी देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने कहा की जयपुर को छोटीकाशी कहा जाता हैं..देवस्थान विभाग की ओर से तीज-त्यौहार मनाने की परम्परा शुरू की गई हैं.इस देवदर्शन यात्रा से पहले देवस्थान विभाग के अधीन मंदिरों में भागवत कथा, रामायण पाठ, रुद्राभिषेक के कार्यक्रम भी आयोजित हुए हैं.राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ नागरिक तीर्थयात्रा योजना के तहत अलग-अलग तीर्थस्थलों की यात्रा करवाई जा रही हैं..इस देवदर्शन यात्रा की शुरूआत जयपुर से की गई हैं.इस यात्रा के कारवें को आगे अन्य जिलों मे भी बढाया जाएगा.देवस्थान विभाग की कमिश्नर प्रज्ञा केवलरमानी भी देवदर्शन यात्रा में मंजीरा बजाते हुई भक्ति रंग में रंगी हुई नजर आई.



देवस्थान विभाग के संयुक्त शासन सचिव अजय सिंह राठौड ने बताया की देवस्थान विभाग के प्रदेश में बहुत बड़े और भव्य मंदिर हैं.लेकिन लोग इनके बारे में बहुत कम जानते हैं.इस देवदर्शन पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को इनके दर्शन कराने के साथ पूरी जानकारी देना है.इसकी शुरुआत परकोटे के सात मंदिरों की पदयात्रा से की गई हैं.विभाग की ओर से प्लानिंग की जा रही हैं की राजस्थान के अलग-अलग जिलों में भी वहां के लोगों को मंदिरों के दर्शन के साथ इतिहास की जानकारी दी जाए.राठौड का कहना हैं की इस तरह के आयोजनों से विभाग के अधीन मंदिरों में आवाजाही बढेगी.मोतीडूंगरी गणेश मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने कहा की विभाग की ओर से की गई पहल सहारनीय हैं.इससे विभाग के अधीन आने वाले मंदिरों में पगफेरा बढेगा.


बहरहाल, देवस्थान विभाग के मंदिरों में आवाजाही बढे.धार्मिक स्थलों के इतिहास के बारे में लोग जान सके.मंदिरों का निर्माण से लेकर विग्रह की जानकारी आमजन को मिलें.मंदिरों का महत्व धार्मिक-आध्यात्मिक प्रतिष्ठानों के अतिरिक्त सांस्कृतिक विरासतों और पुरातात्विक धरोहरों के रूप में मुखर रही है.अपनी दिव्यता-भव्यता के कारण यह तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों के आकर्षण के प्रमुख केंद्र रहे हैं.श्रद्धालु आते हैं और दर्शन कर स्वयं को अभिभूत पाते हैं.