Jaipur news: राजस्थान में जयपुर जिले के सामोद कस्बे में अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित वीर हनुमान जी का मंदिर विश्व विख्यात है. वीर हनुमान जी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. श्रद्धालुओं को करीब 1000 से ज्यादा सीढ़ियां चढ़कर वीर हनुमान जी के दर्शन होते हैं. करीब 2 साल पहले एक निजी कंपनी ने श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया करवाने के लिए एक रोप-वे का संचालन शुरू किया था. इस रोप-वे के उद्घाटन में तमाम जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी शामिल हुए थे. 


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कुछ दिन रोप-वे का संचालन होने के बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर ने नियमों का हवाला लगा कर रोप-वे को बंद करने के निर्देश दे दिए थे. पिछले डेढ़ साल से रोप-वे की मशीनें धूल फांक रही हैं, और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अब सीढ़ियां चढ़कर ही बालाजी के दर्शन करने पड़ रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग और बच्चों को होती है. कई बुजुर्ग तो ऐसे हैं कि जिनकी ख्वाहिश मंदिर तक पहुंचने की अधूरी तक रह जाती है, लेकिन कुछ श्रवण कुमार जैसे बेटे पोते निकलते हैं. 


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जो अपने कंधों पर  कुर्सी की पालकी बनाकर अपने बुजुर्ग दादा-दादी को मंदिर तक ले जाते हैं. शनिवार को भी मंदिर की सीढ़ियों में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला. हर कोई इन दो पोतों की बात करता नजर आ रहा था. जो अपनी दादी की ख्वाहिश को पूरा करने के लिए कुर्सी की पालकी बनाकर उन्हें सीढ़ियों पर चढ़कर मंदिर तक दर्शन करवाने ले गए. हर कोई इनके वीडियो बना रहा था और इनकी फोटो ले रहा था. 


इन तस्वीरों को विधायक रामलाल शर्मा ने भी अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है. और उन्होंने कांग्रेस नेताओं और अधिकारियों पर तुष्टीकरण की राजनीति करने के आरोप भी लगाए हैं. इतना ही नहीं रोप-वे को बंद करने के मामले को विधायक रामलाल शर्मा विधानसभा में भी उठा चुके हैं. काश यह रोप-वे निरन्तर चलता रहता तो यह तस्वीरें देखने को नहीं मिलती और इस बुजुर्ग दादी को रोप-वे से मंदिर तक आसानी से ले जाया जा सकता था.