Jaipur News: परिवहन विभाग में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नाम पर एक बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है. जिला परिवहन अधिकारी राजसमंद कार्यालय से ऐसे लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिए गए, जिनके कोई अधिकृत दस्तावेज ही पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए थे. वहीं, मामला सामने आने पर परिवहन मुख्यालय ने जांच कराई है. इसकी रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को भी भेजी जाएगी. 


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परिवहन विभाग के राजसमंद जिला परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नाम पर बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है. जिला परिवहन कार्यालय द्वारा ऐसे लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं, जो मूल रूप से तो राजस्थान से बाहर के हैं. साथ ही उनके पास स्थानीय या उनके परमानेंट दस्तावेज भी सही नहीं हैं. आवेदक ज्यादातर हरियाणा के मेवात इलाके के बताए जा रहे हैं.


वहीं, विभाग को मिली शिकायत में इन्हें बंग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान बताया गया है. इनमें ज्यादातर डुप्लीकेट लाइसेंस या एड्रेस चेंज के नाम पर नए लाइसेंस जारी किए गए हैं. लाइसेंस में इन सेवाओं को जोड़ने के लिए पुलिस की ऑनलाइन एफआईआर और शपथ पत्र ही विभाग के पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं. 


आवेदकों के दस्तावेज ऑफलाइन मोड में लिए गए हैं, लेकिन ये दस्तावेज भी सही नही हैं. आवेदकों के दस्तावेज के नाम पर जो आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र लिए गए हैं, वे साफ पढ़ने योग्य नहीं हैं. कई दस्तावेजों में आवेदक का चेहरा भी साफ स्थिति में नहीं है. शिकायत के आधार पर निर्वाचन विभाग और मुख्य सचिव कार्यालय के निर्देश पर परिवहन विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं. 


लाइसेंस जारी करने में गड़बड़ी कैसी-कैसी ?
दस्तावेज कुछ नहीं, शपथ पत्र से मणिपुर के लाइसेंस रिन्यू !
14 ड्राइविंग लाइसेंस एक ही पते पर नवीनीकरण किए गए
राजसमंद में लाइसेंस बनवा रहे, जबकि किरायानामा प्रतापगढ़ का
ज्यादातर आवेदनों में साफ पढ़े जाने योग्य आधार कार्ड अपलोड नहीं
केवल शपथ पत्र के आधार पर बना दिए गए ड्राइविंग लाइसेंस
डेटा बैकलॉग करके ड्राइविंग लाइसेंस मणिपुर में बनाए गए
संदिग्ध डेटा के बावजूद राजसमंद DTO ने बना दिए लाइसेंस


इन ड्राइविंग लाइसेंस नंबर पर सवाल
इस्माइल लाइसेंस नंबर- MN02-20150202211, तौफिक- MN02-20153766267
जुबेर खान- MN02-20150202213, बालादीन- MN02-20150202063
अमजद- MN02-20152002217, गुलशन- MN02-20150202017
दीन मोहम्मद- MN02-20153766755, लक्षमण सिंह- MN02-20150202018
मुसरर्फ- MN02-20153766766, रफीक- MN02-20150202216
आसिफ- MN02-20150201908, मोहम्मद यूसुफ- MN02-20153714489
मोइन - MN02-20150201907, अमर सिंह - MN02-20153720527
मोहम्मद खलीफ- AR12-20170041408


इनमें 14 ड्राइविंग लाइसेंस मणिपुर के बने हुए, 1 लाइसेंस अरुणाचल प्रदेश का परिवहन विभाग को मिली शिकायत के मुताबिक, इन सभी लाइसेंस को बनाने में नियमों को तोड़ा गया है. परिवहन मुख्यालय की नियम शाखा ने इस मामले में लिखा है कि लाइसेंस जारी करने को लेकर परिवहन विभाग के कार्यालय आदेश संख्या 29/2016 के बिन्दु संख्या 3 में साफ उल्लेख है कि अन्य राज्य के आवेदक का लाइसेंस बनाते समय किरायानामा होना जरूरी है. 


साथ हीं, उसके स्थाई पते का कोई भी पहचान पत्र भी साथ में संलग्न करना जरूरी है. विभाग ने जांच में पाया है कि सभी आवेदनों में जो पहचान पत्र के दस्तावेज लगाए गए हैं, वे साफ पढ़े जाने योग्य नहीं हैं. इस मामले में आवेदन की स्क्रूटनी करने वाले लिपिक की गलती तो है ही, साथ ही अन्य राज्य के लाइसेंस जारी करने से पहले जिला परिवहन अधिकारी की भी गलती को इग्नोर नहीं किया जा सकता. मामले में मुख्य सचिव कार्यालय ने 30 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट मांगी है, देखना होगा कि इस पूरे मामले में परिवहन विभाग दोषी कार्मिकों पर क्या कार्रवाई करता है?


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