Jaipur: राजस्थान में राइट टू हेल्थ विधेयक पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुहर लगा दी है.राज्यपाल की मंजूरी के बाद राजस्थान में राइट टू हेल्थ कानून बन गया है. इसी के साथ ही देश में राजस्थान पहला ऐसा राज्य है, जहां राइट टू हेल्थ काननू बना हो.


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डॉक्टर्स के साथ इन 8 बिंदुओं पर बनी थी सहमति


1. एचएम ने पहले ही 50 बिस्तरों से कम वाले निजी मल्टी स्पेशियलिटी अस्पतालों को आरटीएच से बाहर कर दिया है.


2. सभी निजी अस्पतालों की स्थापना सरकार से बिना किसी सुविधा के लारिड के रूप में की जा रही है. साथ ही रियायती दर पर बुलिंग को भी आरटीएच अधिनियम से बाहर रखा जाएगा.


3. इसके बाद, अस्पतालों की निम्नलिखित श्रेणी आरटीएच अधिनियम द्वारा कवर की जाएगी.


  • निजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल.

  • पीपीपी मोड पर बने अस्पताल

  • सरकार से मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन लेने के बाद स्थापित अस्पताल (प्रति उनके अनुबंध की शर्तें).

  • जो अस्पताल ट्रस्टों द्वारा चलाए जाते हैं.

  • भूमि और बुलिंग के रूप में सरकार द्वारा वित्तपोषित


4. राजस्थान के विभिन्न स्थानों पर बने अस्पतालों को कोटा में नियमित करने पर विचार किया जायेगा.


5. आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए पुलिस मामले और अन्य मामले वापस लिए जाएंगे.


6. अस्पतालों के लिए लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम.


7. फायर एनओसी नवीनीकरण हर 5 साल में माना जाएगा.


8. नियमों में कोई और परिवर्तन, यदि कोई हो,आईएमए के दो प्रतिनिधियों के परामर्श के बाद किया जाएगा.


इन तीन विधेयकों को भी मंजूरी


विधानसभा के इसी सत्र में 20 मार्च 2023 को पारित "राजस्थान नगर पालिका संशोधन विधेयक 2023","बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय,जयपुर विधेयक 2023" और "राजस्थान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (स्थापन और प्रवर्तन का सुकरीकरण) (संशोधन) विधेयक 2023" को भी राज्यपाल ने अनुमति दे दी.


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