Jaipur News: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने सत्ता पक्ष और मंत्रियों पर जमकर निशाना साधा. डोटासरा ने आरोप लगाया कि मंत्री अपने विभागों से जुड़े सवालों का जवाब नहीं दे पाते हैं और खुद भाजपा के सदस्य ही सदन की कार्रवाई को बाधित करने के लिए हमेशा खड़े रहते हैं. सरकार सदन में जवाब देने में पूरी तरह से फेल रही.


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विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान एक अजीब सी स्थिति सामने आई जब विधायक के सवाल का जवाब देने के लिए कोई भी मंत्री खड़ा नहीं हुआ. दरअसल में शिव से निर्दलीय विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने सीएसआर से सम्बंधित सवाल लगाया था. यह प्रश्नकाल का आखिरी सवाल था. इस सवाल का जवाब देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंत्री को पुकारा. उस समय सदन में बैठे मंत्री एक दूसरे का चेहरा देखने लगे. 



यह माजरा देखकर विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने सवाल दागा कि कैसे हालात हैं, कोई भी मंत्री जवाब नहीं दे रहा है. इस पर अचानक संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने खड़े होकर कहा कि मैं हूं ना जवाब देने के लिए, उन्होने एक नहीं दो तीन बार यह दोहराया. इस बीच प्रश्नकाल समाप्त होने में कुछ ही सैकंड का समय बचा था. जोगाराम पटेल जवाब दे पाते उससे पहले ही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने प्रश्नकाल समाप्त की घोषणा कर दी.


कई बार आई जवाब नहीं देने की स्थिति
सदन में प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों के ठीक ढंग से जवाब नहीं देने के मामले सामने आए. इनमें कई मंत्रियों ने विधायकों के सवालों का ठीक तरह से जवाब नहीं दिया. विधायक मंत्रियों के जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आए और उन्होंने आरोप लगाए कि सवाल कुछ ओर पूछ रहे हैं और मंत्री जवाब दूसरा दे रहे हैं. यह स्थिति कई बार सामने आई.



इधर विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में डोटासरा ने कहा कि कोई मंत्री किसी बात का ठीक से जवाब नहीं दे पा रहा है. सत्ता पक्ष के सदस्य खुद ही सदन को बाधित कर रहे हैं. प्रतिपक्ष तो अपनी बात उठाएगा ही. सदन में अपनी बात रखेगा ही. लेकिन सत्ता पक्ष के मंत्री अपने विभागों के जवाब तो दे नहीं पाते हैं. बल्कि अनर्गल बयानबाजी और सदन को बाधित करने के लिए हमेशा खड़े रहते हैं. इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता. हमने बीते 15 साल में ऐसी व्यवस्था नहीं देखी. स्पीकर ने नाम पुकारा, मंत्री चुपचाप बैठे रहे: डोटासरा ने कहा कि जब प्रश्नकाल शुरू हुआ तो मंत्रियों को सवालों का जवाब देना था. वो उत्तर नहीं दे पाए. सीएसआर से संबंधित एक सवाल था. स्पीकर बार-बार मंत्री का नाम पुकार रहे थे कि मंत्री सवाल का जवाब दें. लेकिन मंत्री चुपचाप बैठे रहे. उन्हें यह पता नहीं है कि उन्हें जवाब देना है या मुख्यमंत्री को देना है या अधिकारियों को जवाब देना है. सवाल का जवाब देना है या नहीं देना है. यह स्थिति बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार विधानसभा में जवाब देने में पूरी तरह से फेल रही है.


मंत्रियों का पता नहीं कि जवाब कौन देगा ?
डोटासरा ने कहा कि यही पता नहीं है कि जवाब सीएम को देना था, मंत्री को देना था या किसी अधिकारी को जवाब देना है. दुर्भायपूर्ण है पूरी तरह से सरकार जवाब देने में फेल है कोई भी मंत्री ढंग से किसी बात का जवाब नहीं है दे पा रहे हैं. डोटासरा ने कहा कि इस तरह सदन नहीं चल पाएगा. विपक्ष तो सवाल पूछेगा ही, मंत्री पूरी तैयारी के साथ नहीं आ रहे हैं.