Jaipur news: राजस्थान प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है. ऐसे में बजरी लीज होल्डर्स गुपचुप तरीके से बजरी भराई की अधिक दरें ले रहे हैं. बजरी की जो रेट मानसून समाप्त होने के बाद कम हो जानी चाहिए थी, वह अब तक नहीं की गई हैं. चार महीने पहले बारिश सीजन शुरू होने के साथ ही लीज होल्डर ने बजरी भराई में 100 रुपए प्रति टन की बढ़ोतरी कर दी थी. इसकी वजह बजरी सीधी नदियों से नहीं भरकर स्टॉक से भरी जाना बताया गया था. 


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बजरी लीज होल्डर्स का तर्क था कि पहले बजरी नदी से स्टॉक तक आती है और यहां से ट्रकों में भरी जाती है. इस वजह से लागत अधिक पड़ रही है. मानसून खत्म होने के बाद भी लीज होल्डर ने बजरी की बढ़ाई दर 100 रुपए अभी तक कम नहीं की है. लीज होल्डर्स की ओर से बजरी भराई की दर 100 रुपए कम कर दी जाती है तो लोगों को करीब 5 हजार रुपए प्रति ट्रक का फायदा होगा. बजरी ट्रक ऑपरेटर्स का कहना है कि बाजार में अभी बजरी 1300 रुपए प्रति टन बिक रही है. भराई दर कम कर दी जाती है तो रेट घटकर 1200 रुपए प्रति टन हो सकती है. 


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अभी लीज होल्डर की ओर से प्रति टन 700 रुपए भराई ली जा रही है. बारिश सीजन से पहले भराई दर 600 रुपए प्रति टन थी. खान विभाग के अफसरों की मिलीभगत से बजरी लीज होल्डर्स की मौज हो रही है. जी मीडिया ने टोंक एएमई संजय शर्मा से पक्ष जानने के लिए फोन किया लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया.


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