Jaipur News: राजस्थान के जयपुर भांकरोटा में 20 दिसंबर 2024 को हुई भीषण आगजनी की दुर्घटना में अपनी जान की परवाह न कर मानवता का फर्ज निभाते हुए हादसे में पीड़ित लोगों, पुलिस और प्रशासन की मदद करने वाले 25 वॉरियर्स का पुलिस मुख्यालय में सम्मान किया गया. 


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पुलिस मुख्यालय में आयोजित समारोह में डीजीपी उत्कल रंजन साहू और अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर भांकरोटा अग्निकांड में देवदूत बनकर आए लोगों को सम्मानित किया गया. पुलिस मुख्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में सम्मानित होकर सभी वॉरियर्स प्रफुल्लित नजर आए. कार्यक्रम की शुरुआत में हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को नमन करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई.



राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में पुलिस कमिश्नरेट और पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों के साथ ही जयपुर जिला कलेक्टर भी शामिल हुए. इस अवसर पर डीजीपी यूआर साहू ने हादसे में घायलों की मदद करने वाले 25 वॉरियर्स के साथ पुलिसकर्मी, एसडीआरएफ, दमकल कर्मी और प्रशासन की टीमों के द्वारा किए गए बचाव कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी. 



उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर 2024 की घटना अत्यंत भयावह थी. इस दुखद घड़ी में गुड सेमेरिटन बनकर आवश्यकता के समय दूसरों की सहायता करना एक उच्च मानवीय गुण है, जो इन लोगों ने करके दिखाया. उन्होंने कहा कि ये 25 वारियर्स भयावह घटना के समय अगर अपना योगदान नहीं देते तो पता नहीं कितने और परिवार के लोगों को आने वाले समय में बड़े दुख और अन्य समस्याओं से जूझना पड़ता. 



इनके प्रयासों से कई लोगों की ना सिर्फ जान ही बची, बल्कि कई लोगों की संपत्ति की भी रक्षा हुई. इन्होंने केवल मानवता का ध्यान रखते हुए यह कार्य किया कि थोड़ी बहुत तकलीफ मुझे हो सकती है, लेकिन मैं किसी और के काम में आ सकूं. यही मेरा पहला कर्तव्य है. इन लोगों ने अपने कार्य से सभी को इस बात के लिए प्रेरित किया है. 


किसी भी घटना और दुर्घटना के समय प्रो–एक्टिव रहते हुए भी घायलों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें. उन्होंने कहा कि इस तरह के सराहनीय कार्य समाज में सब लोगों के सामने आने चाहिए, ताकि लोगों को प्रेरणा मिले. इनके द्वारा उठाया गया यह काम सबके सामने आए. इससे लोगों को प्रेरणा मिले और इमरजेंसी के समय और लोग इनकी तरह सामने आकर लोगों की सहायता करें.
 
समारोह के दौरान DGP साहू ने भांकरोटा अग्निकांड को लेकर बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का भी विमोचन किया. इसके साथ ही डीजीपी और उपस्थित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा एक पुस्तक द फर्स्ट रेस्पोंडर्स का भी विमोचन किया गया. सम्मानित किए गए वॉरियर्स के प्रयास और हिम्मत के कारण काफी लोगों की जान बच पाई. 


घटना वाले दिन करीब 40 वाहन आग के दायरे में आ गए थे, जिनमें लगभग 120 से 140 लोग सवार थे. नजदीक ही तीन पेट्रोल पंप और जलती हुई गाड़ियों के पास माचिस से भरा ट्रक व एक अन्य एलपीजी टैंकर भी खड़ा था. घटनास्थल के आसपास करीब 300 से 500 लोग रहते हैं. ऐसी आपात स्थिति में शुरुआती समय, जिसे गोल्डन आवर कहा जाता है. 


इन वारियर्स द्वारा लोगों को बचाने का काम किया गया और पुलिस व जिला प्रशासन को सूचना दी गई. साथ ही इन वारियर्स ने निजी गाड़ियों और एंबुलेंस को बुलाकर घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया. सिविल डिफेंस, पुलिस इत्यादि की टीम आने से पहले ही वॉरियर्स द्वारा यह काम किया गया. 


कार्यक्रम में हादसे में सराहनीय कार्य करने वाले वारियर्स राजेंद्र स्थानीय फैक्ट्री मालिक, महेश कुमार, मनोज, राजेश, रामनारायण, राजेश, देवा, सागर, यश, गौरव, दीपक, मोहित, योगेष, कजोडमल, राकेश स्थानीय नागरिक, राजेश महिंद्रा सेज टैक्सी चालक, दशरथ सम्मानित किया गया.


साथ ही हरविंद्र रोडवेज बस चालक, मुकेश कंपाउंडर व पवन सफाईकर्मी निजी अस्पताल, बाबूलाल निजी अस्पताल कर्मचारी, रिछपाल, इंद्र पैट्रोल पंपकर्मी, राहुल एंबुलेंस पर चिकित्सक स्टाफ और विनोद एंबुलेंस चालक को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. 


प्रदेश में पहली बार इस तरह का राज्य स्तरीय सम्मान समारोह आयोजित किया गया है. राजस्थान पुलिस द्वारा भांकरोटा अग्निकांड के वॉरियर्स का सम्मान समाज को एक सीख देने वाला आयोजन है. जहां हादसे के वक्त लोग मोबाईल पर वीडियो बनाते हुए दिखाई देते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं. 


जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर मुसीबत में फंसे दूसरे लोगों को राहत पहुंचाई व उनकी जान बचाई. वारियर्स के इस सम्मान से दूसरे लोग भी प्रेरित होंगे और दुर्घटना के वक्त मदद करने के लिए आगे आएंगे.