पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में CM गहलोत ने केंद्र सरकार को दिए ये तीन जरूरी संदेश
Jaipur News: पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में CM अशोक गहलोत ने अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार तक मैसेज पहुंचाने के लिए अपने तीन महत्वपूर्ण मुद्दे रखे.
Jaipur: देशभर के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के समापन सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात रखी. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की तरफ से उठाए गए वित्तीय स्वायत्तता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक सहमति तो जताई ही, लेकिन इसके अलावा केंद्र सरकार तक मैसेज पहुंचाने के लिए उन्होंने अपने तीन महत्वपूर्ण मुद्दे रखे. इसमें गहलोत ने राइट टू हेल्थ कानून, सोशल सिक्योरिटी कानून और ओल्ड पेंशन स्कीम को समय की जरूरत बताते हुए इसे देश भर में लागू करने की मांग की. उन्होंने विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि वह भी इसके लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करें.
सीएम अशोक गहलोत ने सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि दो दिन के इस सम्मेलन के दूरगामी परिणाम होंगे. सीएम ने कहा किउसी को देखते हुए डॉ सीपी जोशी ने आप सबकी भावनाओं को रखा है. सीएम ने कहा कि, उन्हें बताया गया है कि लोकसभा में भी वित्तीय स्वायत्तता का ऐसा ही प्रस्ताव रखकर पारित किया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्तीय स्वायत्तता के मुद्दे पर सैद्धांतिक सहमति जताई. सीएम ने कहा कि इस पर जब भी प्रस्ताव आएगा, तो सकारात्मक सोच के साथ विचार किया जाएगा.
इस पर स्पीकर सीपी जोशी और ओम बिरला ने टेबल बजाकर स्वागत किया. स्पीकर जोशी बोले, आप तो अभी घोषणा कर दीजिए. तो सीएम गहलोत ने भी सदन में मौजूद जनप्रतिनिधियों से कहा कि मैं अध्यक्ष जी की बात कभी टालता नहीं हूं और अध्यक्ष जी मेरी बात नहीं टालते. इसके साथ ही अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने तीन महत्वपूर्ण बातें रखी. उन्होंने उम्मीद जताई कि इन तीन मुद्दों पर देशभर के पीठासीन अधिकारी भी अपने प्रभाव के जरिए बात रखेंगे और जनहित के इन मुद्दों पर केंद्र सरकार कोई सकारात्मक फैसला लेगी.
मुख्यमंत्री ने संबोधन के तीन प्रमुख मुद्दे
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोले कि राइट टू हैल्थ लाने का वक्त आ गया है. अगर आप सब लोगों का प्रभाव होगा, तो भारत सरकार भी इस पर सहमत होगी. सीएम बोले कि देश के लोगों को इलाज की सुविधा मूलभूत जरूरतों में आनी चाहिए. सीएम ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा कानून देश की संसद में बने, इसका वक्त आ गया है. मुख्यमंत्री ने पारिवारिक पेंशन को लेकर भी बात रखी. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के मुकाबले राजस्थान सरकार पेंशन में ज्यादा पैसा देती है. राजस्थान में 750 रु की पेंशन दी जाती है.
जबकि केंद्र सरकार की पेंशन ₹300 से कम है. गहलोत बोले, परिवार को कई बार अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.
सीएम से राइट टू सोशल सिक्योरिटी कानून बनाने की मांग रखी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सामने पैरवी करते हुए कहा कि, जैसे विधानसभा की यह बिल्डिंग बनी है तो इसमें केवल मशीनों का योगदान नहीं है, बल्कि मानव श्रम की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही है. सीएम ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा कानून देश की संसद में बने, इसका वक्त आ गया है.
इस दौरान सीएम गहलोत ने ओल्ड पेंशन स्कीम का जिक्र भी किया. सीएम ने कहा कि देश में फिर से इस बात पर विचार करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि हमने मानवीय संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए इस पर फैसला लिया था. गहलोत बोले, पूरे देश के कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू होनी चाहिए. सीएम ने कहा हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को भी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पेंशन मिल रही है. सीएम ने इस पर पैरवी करते हुए कहा कि पेंशन को लेकर देश में एक नीति होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री और राजेंद्र राठौड़ का मौन संवाद
मुख्यमंत्री ने समापन सत्र में अपने तीन बिंदु रखे तो राजेंद्र राठौड़ ने भी मुख्यमंत्री की तरफ हाथ जोड़ दिए. इस पर मुख्यमंत्री ने मंच से ही राजेंद्र राठौड़ का जिक्र किया. उन्होंने राठौड़ का नाम लेते हुए कहा कि राठौड़ साहब बोल रहे हैं, कि मैंने मौके का फायदा उठा लिया. मुख्यमंत्री ने खुद ही जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने मौके का फायदा जनहित के लिए उठाया है. सीएम अशोक गहलोत ने स्पीकर ओम बिरला, सीपी जोशी और पीठासीन अधिकारियों को सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई भी दी. उन्होंने कहा कि दो दिन के इस सम्मेलन के आने वाले दिनों में दूरगामी परिणाम होंगे.