Jaipur News: गणेश चतुर्थी का पर्व कल विभिन्न योग संयांगों में मनाया जाएगा. इससे एक दिन पहले यानी आज सिंजारा पर्व मनाया जाएगा. राजधानी के प्रमुख गणेश मंदिरों में विशेष रोशनी से लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई.  सिंजारा पूजन महोत्सव के तहत गणपति को मेंहदी लगाई जाएगी.


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शहर के प्रमुख बड़े मोती डूंगरी, नहर के गणेश जी मंदिर, गढगणेश, ध्वजाधीश, श्वेत सिद्धि विनायक मंदिर, बंगाली बाबा गणेश जी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी सिंजारा महोत्सव मनाया जाएगा. 


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मोती डूंगरी गणेश मंदिर में मंदिर महंत कैलाश शर्मा के सान्निध्य में भगवान गणेश जी महाराज के सिंजारा मनाया जाएगा. शाम 6.15 बजे भगवान गणेश जी महाराज के पट खुलेंगे. भगवान गणेश जी महाराज का विशेष श्रृंगार के दर्शन होंगे. भगवान श्रीगणेशजी महाराज को सिंजारे की मेहंदी धारण कराई जाएगी. इसके लिए सोजत से 3500 किलो मेंहदी मंगवाई गई है. इस दौरान डंके और खिलोने आदि भगवान को भेंट किये जायेंगे.


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भगवान श्रीगणेशजी महाराज पहनेंगे खास मुकुट
भगवान को सालभर में एक बार धारण करवाने वाला खास स्वर्ण मुकुट धारण करवाकर चांदी के सिंहासन पर विराजमान किया जाएगा. मोती डूंगरी गणेश मंदिर में महंत परिवार की ओर से भगवान का पारंपरिक शृंगार (नौलड़ी का नौलखा हार) धारण कराया जाएगा. इसमें मोती, सोना, पन्ना तथा माणक आदि भाव स्वरूप दर्शाए गए हैं. इस बार मुकुट में ​कई देशी-विदेशी हीरे भी जड़े गए हैं. शाम 7.30 बजे भक्तों को पांच स्थान से मेंहदी प्रसाद वितरित होगा. इस मेहंदी को लेने के लिए बड़ी संख्या में हजारों लोग मंदिर पहुंचेगे.


क्या कहना है मंदिर महंत कैलाश शर्मा का
मंदिर महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि यहां ऐसी मान्यता है कि इस मेहंदी को लगाने से उन अविवाहित कन्या या युवक के विवाह हो जाते हैं, जिनका किसी न किसी कारण से विवाह संजोग नहीं बैठता. ऐसी मान्यता है कि इस मेहंदी को लगाने के बाद युवक-युवती का एक वर्ष के अंदर विवाह हो जाता है. मेहंदी प्रसाद मंदिर में पांच स्थानों पर बांटा जाएगा. महिलाओं और कन्याओं के लिए डोरा और मेहंदी की व्यवस्था के लिए अलग से कतार होगी. इस दिन शयन आरती रात 10 बजे होगी.