आज 10 बजे राजस्थान में बनेगा सूर्य नमस्कार का नया विश्व रिकॉर्ड, आधे घंटे में रचेगा इतिहास
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार की नई पहल शुरू करने की घोषणा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने की है. विद्यालयों में विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार का अभ्यास प्रार्थना सभा के दौरान करवाया जाएगा. इसके लिए सभी तरह की गाइडलाइन की पालना की जाएगी. सभी स्कूलों में सुबह 10:00 बजे से लेकर के 10:30 बजे तक सूर्य नमस्कार आयोजित किया जाएगा.
Jaipur News: राजस्थान में शिक्षा विभाग की तरफ से बड़ा विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहा है. इसको लेकर के तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद स्कूलों में पहली बार विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए आज एक साथ सूर्य नमस्कार किया जाएगा. इसके लिए खास दिशा-निर्देश भी जारी किए गए थे.
जानकारी के मुताबिक, अगर इस कार्यक्रम के लिए किसी भी तरह से किसी भी स्कूल में लापरवाही बरती जाती है तो सख्त कार्रवाई भी हो सकती है. आज राजस्थान के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के मंदिरों में सुबह 10:00 बजे से लेकर के 10:30 बजे तक सूर्य नमस्कार आयोजित किया जाएगा.
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इसको लेकर के माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने आदेश जारी किए थे. सूर्य नमस्कार के लिए लड़के-लड़कियों दोनों के लिए अलग-अलग खास तैयारी की गई है. बता दें कि राजस्थान के सरकारी स्कूलों में सूर्य नमस्कार की नई पहल शुरू करने की घोषणा शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने की है. विद्यालयों में विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार का अभ्यास प्रार्थना सभा के दौरान करवाया जाएगा. इसके लिए सभी तरह की गाइडलाइन की पालना की जाएगी. सूर्य नमस्कार के अभ्यास की आकृति संख्या के संबंध में स्टूडेंट की उम्र और उनकी सेहत का भी ध्यान रखा जाएगा. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में करीब 90 लाख स्टूडेंट पढ़ाई करते हैं. वहीं, प्राइवेट स्कूलों में भी करीब इतने ही स्टूडेंट हैं. जानकारी के अनुसार, सरकारी स्कूलों में करीब 4.5 लाख और गैर सरकारी स्कूलों में करीब 3 लाख टीचर और कर्मचारी हैं. ऐसे में यह आंकड़ा करीब 1.80 करोड़ के आसपास पहुंच जाता है.
पहले भी जारी किया था ये फरमान
सूर्य नमस्कार को लेकर बीजेपी ने पहले भी सरकारी स्कूलों में इसे आनिवार्य घोषित किया था. पूर्व की वसुंधरा राजे सरकार ने सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में सुबह प्रार्थना के बाद बच्चों के द्वारा सूर्य नमस्कार और योग करना अनिवार्य करने के आदेश जारी किया था.उस समय समुदाय विशेष के लोग इस फैसले का विरोध करते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे थे.