Jaipur latest News: राजस्थान का जल जीवन मिशन जलदाय विभाग में ठेकेदार और इंजीनियर्स के लिए पूरी तरह से जंजाल बन गया है. क्योंकि अब एसीबी और ईडी के बाद में पीएचईडी में सीबीआई की एंट्री हो गई है. सीबीआई ने फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए 900 करोड़ भ्रष्टाचार को लेकर एक्सईएन विशाल सक्सेना, गणपति और श्रीश्याम ट्यूबवेल फर्म पर एफआईआर दर्ज की है. 


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दोनों फर्मों ने केंद्र सरकार की रेलवे की उपक्रम कंपनी इरकॉन के नाम पर केरल के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर टैंडर हासिल किए थे. विशाल सक्सेना ने कांग्रेस सरकार में पूरे मामल की जांच करने केरल गए थे, लेकिन सक्सेना ने फर्जी प्रमाण पत्रों को क्लीन चिट दे दी थी. इरकॉन के फर्जी सीईओं का साइट विजिट से लेकर दफ्तर तक खोल दिया था. अब पूरे मामले में सीबीआई और बड़े खुलासे करेगी.


किरोड़ी का खत और हो गई एफआईआर


जल जीवन मिशन घोटाले में कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने मुख्यमंत्री को चिट्टी लिखकर पूरे मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए कहा था. जिसके बाद दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है. इससे पहले भी किरोड़ीलाल मीणा ने ईडी से शिकायत की थी. जिसके बाद में ईडी ने तीन बार छापेमारी की थी. पूर्व मंत्री महेश जोशी, संजय बढ़ाया, संजय अग्रवाल, चीफ इंजीनियर केडी गुप्ता, दिनेश गोयल, आरके मीणा, एसई आरसी मीणा, एक्सईसन और पूर्व मंत्री के पीए संजय अग्रवाल के ठिकानों पर छापेमारी की थी. 


किरोड़ीलाल मीणा ने तत्कालीन पीएचईडी एसीएस सुबोध अग्रवाल और तत्कालीन जल जीवन मिशन एमडी अविचल चतुर्वेदी ने फर्मों के साथ मिलीभगत की. फर्मों को राजनीतिक संरक्षण था. किरोड़ीलाल मीणा को ये शिकायत एक एडवोकेट ने दी थी. जिसके बाद मंत्री ने ये शिकायत सीएम को फॉरवर्ड की थी.


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ईडी ने अब तक मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की है, लेकिन अब सीबीआई जल जीवन मिशन के भ्रष्टाचार को लेकर जांच करेगी. जांच में ये और बड़े खुलासे पूरे मामले में हो सकते है. ऐसे में सीबीआई की एंट्री के बाद और इंजीनियर्स की मुश्किलें बढ़ेंगी, क्या गांव-गांव, ढाणी-ढाणी सीबीआई जमीन खोदकर सच्चाई बाहर लाएगी.