Jaipur: सरकारी स्कूलों को ‘नॉलेज सेंटर‘ के रूप में विकसित करने के लिए ‘उत्कृष्टता प्रबंधन‘ की दिशा में बढ़ावा देने के लिए पीएमश्री विद्यालय योजना की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को खेल-खेल में और आनंद से भरे माहौल में शिक्षा देने के लिए शिक्षक अपने अनुभवों का भरपूर उपयोग करें.


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कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं. संसाधनों की दृष्टि से विद्यालयों को मजबूत बनाया जा रहा हैं. जिससे शिक्षा के प्रतिबद्धता के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं.  प्रदेश के 402 सरकारी स्कूलों का पीएमश्री योजना में बड़ी उपलब्धि है.  इसके लिए सभी सम्बंधित संस्था प्रधान, शिक्षक और जिला—राज्य स्तरीय पर विभागीय अधिकारियों की टीम बधाई की पात्र है.


शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने वीसी के माध्यम से अपने सम्बोधन में सभी चयनित पीएमश्री विद्यालयों के संस्था प्रधानों को बधाई दी.प्रदेश में स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में सूचना तकनीकी, अर्ली चाइल्डहुड केयर, विद्यालय समूहन, समान और समावेशी शिक्षा की पहुंच और व्यवसायिक शिक्षा जैसे बिंदुओं पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप कार्य किया जा रहा है. कार्यशाला में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त डॉ. मोहन लाल यादव ने बताया पीएमश्री विद्यालयों के विकास के लिए सभी प्राचार्यों अपनी अच्छी टीम तैयार करें.


यादव ने कहा कि प्रदेश के 402 विद्यालयों का पीएमश्री योजना में चयन ‘टीम भावना‘ से मेहनत और लगन के साथ कार्य करने का नतीजा है. स्कूल शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने वर्चुअल माध्यम से स्कूलों में ‘कॉम्पीटेंसी बेस्ड लर्निंग‘ पर जोर देते हुए कहा कि योजना में चयनित स्कूल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित होंगे और सभी स्कूलों के रोल मॉडल बनेंगे.


रिपोर्टर-सचिन शर्मा


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