Rajasthan: विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को बिजली झटका दे सकती हैं. इसकी चिंता चुनाव से पहले ही नेताओं को पहले से ही सताने लगी हैं. सरकार शहरों और गांवों को भरपूर बिजली देने का दावा जरूर करती है, लेकिन लोगों की सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बिजली कटौती हो सकता है. बैठकों में बीसूका उपाध्यक्ष ये बोलते हुए भी नहीं चूके की लक्ष्य से ज्यादा बिजली कनेक्शन तो दिए जा रहे हैं लेकिन बिजली की गारंटी कौन लेगा? शहरों से ज्यादा गांवों में पॉवर कट हो रहा है शहरों में पॉवर कट क्यों नहीं किया जाता हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

प्रदेश में चल रहे बिजली संकट और उसकी भरपाई के लिए गांवों और इंडस्ट्रीज में हो रही कटौती पर बीसूका उपाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने बिजली कंपनियों के अधिकारियों पर नाराज हुए. उन्होंने कहा कि जब मैं मंत्री था तब भी बिजली संकट आया था. लेकिन मैंने गांवों और इंडस्ट्रीज के साथ-साथ शहरों में भी कटौती करवाई. जयपुर के सिविल लाईन्स एरिया में मुख्यमंत्री निवास तक की एक घंटे बिजली कटौती की हुई है. मेरे खुद के घर पर एक घंटे बिजली नहीं आती थी. अब ऐसा क्या है कि गांवों या छोटे कस्बों में ही कटौती की जा रही है और शहरों को पूरी बिजली दी जा रही है. 


जयपुर में हुई बीस सूत्री कार्यक्रम की रिव्यू बैठक में डॉ. चंद्रभान ने जब बिजली विभाग के अधिकारियों संग रिव्यू किया तो उन्होंने कहा कि सरकार ने आज सभी वर्ग (गांव और शहरों) के लोगों को बिजली के बिलों में बड़ी राहत दी है.अब हमारी आपकी जिम्मेदारी है कि लोगों को इस छूट का फायदा मिले.मैं मानता हूं कि बिजली की शॉर्टेज है, लेकिन शहर के लोगों को भी तो बिजली किल्लत का पता चलना चाहिए.


बीसूका उपाध्यक्ष डॉक्टर चंद्रभान ने कहा की आज केवल गांवों में ही लम्बी कटौती करके बिजली की कमी को पूरा किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि बिजली वितरण का मैनजमेंट सही से इसका ध्यान रखना चाहिए. गांवों में सरकार का बड़ा वोटर निवास करता है, ऐेसे में उन्हें भी सरकार की इस छूट का उतना ही लाभ मिलना चाहिए. जितना शहर वालों को मिल रहा है.उन्होंने कहा कि आने वाले समय में लोग रबी की फसल की बुवाई करेंगे, तब बिजली की जबरदस्त डिमांड रहेगी.ऐसे में ध्यान रहे कि गांवों में बिजली की कोई कमी न रहे. इससे सरकार की छवी भी खराब होती है.


इंडस्ट्रीज की कटौती पर भी चंद्रभान नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि प्रदेश औद्योगिक ईकाइयां ही तो है जो बिजली कंपनियों को सबसे ज्यादा रेवेन्यू देती है. ऐसे में उनकी कटौती करोगे तो नुकसान कंपनियों को कही है. औद्योगिक इकाईयां लगातार चलेगी तो उससे सरकार को भी रेवेन्यू मिलता है. ऐसे में उनका ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. बहरहाल,पॉवर कट होने से जन आक्रोश बढऩे का डर सत्ताधारी पार्टी को सता रहा है. फ्री बिजली तो दी जा रही हैं लेकिन उसका फायदा पॉवर कट ने छीन रखा हैं. बिजली के अनियमित गुल होने से जन आक्रोश का असर कुछ समय बाद होने वाले चुनाव पर भी पड़ सकता है. अघोषित बिजली कटौती से परेशान जनता आगामी चुनाव में झटका दे सकती हैं. 


यह भी पढ़े- Jaipur News : राजस्थान BJP 18 दिन में करेगी 72 सभाएं, हर सभा के लिए मिलेंगे ऑन डिमांड केंद्रीय नेता