Jaipur News: राजस्थान के शिक्षा विभाग और पंचायती राज विभाग में अब सिर्फ स्वदेशी वस्तुएं ही काम में ली जाएंगी. छोटी सी आलपिन से लेकर बड़ी मशीन तक भारत में निर्मित सभी चीजें ही उपयोग में की जाएगी. ऐसे में सरकार का यह कदम राज्य को आर्थिक विकास की ओर बढ़ने के रूप में महत्वपूर्ण  साबित हो सकता है, क्योंकि इससे देश का पैसा देश में ही रहेगा. 


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स्वदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करने से दूर होगी बेरोजगारी 
राजस्थान के शिक्षा और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने स्वदेशी चीजों से उपयोग को लेकर आदेश भी जारी कर दिए हैं. मदन दिलावर ने कहा कि मैं खुद स्वदेशी का पोषक हूं और प्रधानमंत्री भी वोकल फॉर लोकल, लोकल फॉर वोकल की वकालत करते हैं. उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर आंदोलन करते रहे हैं कि स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना चाहिए, क्योंकि भारत निर्मित उत्पाद प्रयोग होंगे, तो देश के लोगों को रोजगार मिलेगा और बेरोजगारी की समस्या कम होगी. साथ ही ऐसा करने से भारत का पैसा भारत में रहेगा. यही कारण है कि हमने यह निर्णय लिया है. 


भारत में न बनने वाली वस्तुएं खरीदने से पहले लेना होगा परमिशन 
मंत्री मदन दिलावर कहा कि हमने निर्णय लिया है कि अब पंचायती राज और शिक्षा विभाग में उपयोग के लिए केवल हिंदुस्तान में निर्मित वस्तुएं ही खरीदी जाएगी. इसे लेकर हमने आदेश भी जारी कर दिया है. वहीं, उन्होंने बताया कि जो समान भारत में निर्मित नहीं होता है. उसे लेकर भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर ऐसा कोई सामान खरीदना हो जो स्वदेशी नहीं है, तो उसके लिए भी पहले मंत्री स्तर पर परमिशन लेनी होगी. विभाग में किसी भी तरह के विदेशी सामग्री का इस्तेमाल नहीं होगा और न ही भविष्य में किस तरह की विदेशी वस्तु खरीदी जाएगी.


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