Kotputli, Jaipur News: सर्दियों का मौसम आने के साथ ही क्षेत्र में लोगों को मलेरिया, डेंगू, जुकाम, खांसी, बुखार समेत अन्य मौसमी बीमारियों के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है. इन्हीं मौसमी बीमारियों के चलते कस्बे के राजकीय सरदार जनाना अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों की भीड़ उमड़ रही है लेकिन अस्पताल में जरूरी सुविधाओं और स्टॉफ के अभाव के चलते चिकित्सकों समेत अन्य स्टॉफ सदस्यों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.


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राजकीय सरदार जनाना अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी प्रभारी डॉ. आशीष सिंह शेखावत ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या 300 से ऊपर है. साथ ही आईपीडी में भी मरीजों को भर्ती करके उपचार दिया जाता है. 


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प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल में 02 गायनिक चिकित्सक, 01 शिुशु रोग विशेषज्ञ, 05 नर्सिंग कर्मी, 01 फार्मासिस्ट, 01 क्लर्क, 01 स्वीपर आदि स्टॉफ की कमी है. सुविधाओं की बात की जाये तो सीबीसी, एक्सरे व ईसीजी मशीन की कमी होने के चलते मरीजों की सम्पूर्ण जांचें नहीं की जा रही है. मजबूरन मरीजों को महंगी निजी लैब पर जाकर जांच करवानी पड़ती है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के उपस्वास्थ्य केंद्रों को भी उक्त अस्पताल में जोड़ रखा है. ऐसे में इन केंद्रों की मॉनिटरिंग का जिम्मा भी इसी अस्पताल पर है, जिसके चलते मरीज देखने के साथ-साथ इन केंद्रों को भी आवश्यक समय देना होता है. अगर इन केंद्रों को राजकीय सरदार जनाना अस्पताल में से हटाकर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जोड़ दिया जाता है तो भी अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकती है.


शहरी सीएचसी का अभाव 
वर्तमान में कोटपूतली कस्बे की बात की जाये तो राजकीय सरदार जनाना अस्पताल को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) का दर्जा प्राप्त है. लेकिन राजकीय सरदार जनाना अस्पताल शहरी सीएचसी का दर्जा प्राप्त करने के मानदण्ड को पूर्ण करता है. राज्य सरकार अगर इस अस्पताल को शहरी सीएचसी का दर्जा देती है तो राजकीय बीडीएम जिला अस्पताल पर मरीजों के दबाव को कम किया जा सकता है. विशेष तौर पर गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी के साथ-साथ, ओपीडी के दबाव पर भी नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है. वहीं अस्पताल का संचालन भी दिन व रात के समय में हो सकता है.


Reporter- Amit Yadav