कांग्रेस छोड़ BJP ज्वॉइन करने वाले नेताओं पर गहलोत की टिप्पणी पर सियासत तेज, उठ रहे सवाल
Jaipur News: अशोक गहलोत ने दो दिन पहले 24 मई को सोशल मीडिया पर भाजपा के हालात को लेकर टिप्पणी की थी. गहलोत ने लिखा था कि BJP की इन चुनावों में बुरी हालत होने का एक कारण कांग्रेस के `नॉन परफॉर्मिंग असेट` कैटिगिरी के सैकड़ों नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करना रहा. कांग्रेस से ऐसे नेताओं के बाहर जाने से कार्यकर्ताओं को अधिक मौका मिला और BJP पर ऐसे नेता लाइबिलिटी बने, जिससे उनका खुद का कार्यकर्ता निराश हो गया.
Jaipur News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन करने वाले नेताओं को नॉन परफॉर्मिंग असैट बताने के बयान पर सियासी उबाल जारी है. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए नेताओं के साथ ही अन्य भाजपा ने गहलोत को सवालों के कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. इतने दिन बाद भी नेताओं के बयानों का सिलसिला लगतार जारी है.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो दिन पहले 24 मई को सोशल मीडिया पर भाजपा के हालात को लेकर टिप्पणी की थी. गहलोत ने लिखा था कि BJP की इन चुनावों में बुरी हालत होने का एक कारण कांग्रेस के "नॉन परफॉर्मिंग असेट" कैटिगिरी के सैकड़ों नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करना रहा. कांग्रेस से ऐसे नेताओं के बाहर जाने से कार्यकर्ताओं को अधिक मौका मिला और BJP पर ऐसे नेता लाइबिलिटी बने, जिससे उनका खुद का कार्यकर्ता निराश हो गया. अहंकार की अति BJP के पतन का कारण बन रही है.
गहलोत के इस बयान के अगले ही दिन पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने टिप्पणी कि कांग्रेस एक डूबता जहाज है, जिसमें कोई भी राजनीतिक नेता सवार होकर अपने भविष्य को दांव पर नहीं लगाना चाहता. आप जिन नेताओं को "नॉन परफॉर्मिंग असेट" बता रहे हैं, कल तक वो आपकी ही पार्टी के लिए परफॉर्मिंग असेट हुआ करते थे. इन नेताओं की वर्षों की तपस्या और मेहनत पर परिवारवाद हावी रहा. इन्हें भाजपा में वो सम्मान मिला, जिसके वे हकदार थे. 4 जून का इंतजार कीजिये, मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों के बाद सबसे बड़े "नॉन परफॉर्मिंग असेट" और लाइबिलिटी का तमगा आपकी पार्टी कांग्रेस और युवराज राहुल गांधी को ही मिलेगा. वैसे भी लंबे समय से राहुल गांधी कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन के लिए लाइबिलिटी बने हुए हैं.
इसके बाद भी बयानों का सिलसिला थमा नहीं है. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ब्राह्मण नेता और सांगानेर से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुरेश मिश्रा ने पूर्व सीएम गहलोत से कुछ सवाल कर डाले. मिश्रा ने पूर्व पीएम राजीव गांधी के गहलोत को खराब परफॉर्मेंस और कमजोर संवाद क्षमता के कारण 6 महीने बाद ही मंत्रिमंडल से हटाकर पीसीसी अध्यक्ष बनाकर जयपुर भेजने दिया था.
-क्या यह सही नहीं है कि कांग्रेस जब 1989 में 195 सीटें जीती तब भी आप पीसीसी अध्यक्ष, बिना विधायक हुए राज्य में गृह मंत्री रहते हुए अपनी लोकसभा सीट से बुरी तरह हार गए थे.
-क्या यह सही नहीं है कि 1991 का लोकसभा चुनाव भी आप राजीव गांधी की हत्या की सहानुभूति की लहर में ही जीत पाए.
-क्या यह सही नहीं है कि 1998 के विधानसभा चुनाव में आप चेहरा नहीं थे फिर भी गांधी परिवार की चापलूसी और मदेरणा जी के खिलाफ षड्यंत्र करके आप मुख्यमंत्री बने.
-क्या यह सही नहीं कि आप 2003 में मुख्यमंत्री नं. 1 होने के बाद भी 100 सीटें गँवाकर अपनी पार्टी को 156 से 56 पर गिरा कर दिल्ली चले गए.
-क्या यह सही नहीं कि आपने सीपी जोशी के नेतृत्व में 2008 में बनी सरकार के नेतृत्व को गांधी परिवार की चापलूसी से चुराकर मुख्यमंत्री का पद हथिया लिया था.
-क्या यह सही नहीं कि आपने महिपाल मदेरणा को जेल भेजने के लिए अनेक षड्यंत्र किए.
-क्या यह सही नहीं कि आपके नेतृत्व में चली सरकार के निकम्मेपन और भ्रष्टाचार के कारण आपकी पार्टी 106 से 21 सीटों पर आ गिरी और आपके गांधी परिवार ने आपको सजा देना तो दुर पार्टी का संगठन महासचिव बना दिया.
-क्या यह सही नहीं कि सचिन पायलट ने 5 साल तक आपकी पार्टी की सरकार लाने के लिये मेहनत की और आपने फिर बिना कुछ किए गांधी परिवार की चापलूसी करके तीसरी बार मुख्यमंत्री पद हथिया लिया.
-क्या यह सही नहीं कि एक होनहार युवा नेता सचिन पायलट की राजनीतिक हत्या करने के लिए आपने तमाम तरह के षड्यंत्र किए और उनको पदों से हटवा दिया.
-क्या यह सही नहीं कि पांच साल में आपने एक भी नया पावर प्लांट स्थापित नहीं किया और निजी क्षेत्र से महंगी बिजली खरीदकर भ्रष्टाचार किया जबकि आज आप ही बिजली-बिजली चिल्ला रहे हों.
-क्या यह सही नहीं है कि जिनको आप आज नॉन परफॉर्मिंग एसेट कर रहे है, एक दिन इनमें से 90 प्रतिशत लोग आपके निकटतम लोगों में से थे और ये आपकी कुटिल राजनीति से परेशान होकर ही भाजपा में आए है.
क्या बोले सुरेश मिश्रा
सुरेश मिश्रा ने कहा है कि राजस्थान और कांग्रेस के एकमात्र नॉन परफॉर्मिंग एसेट स्वयं अशोक गहलोत हैं, जो अपनी पार्टी को 25 साल से कमजोर करते है और राजनीतिक रूप से प्रदेश कांग्रेस को जेब का लड्डू बनाकर खाते आ रहे है.
क्या बोले भाजपा नेता मुकेश पारीक
इसी तरह भाजपा नेता मुकेश पारीक ने कहा कि अशोक गहलोत के हाथ से कोई चीज निकल जाती है तो वो ऐसे ही बयान देते हैं. पिछले दस वर्षों में नरेंद्र मोदी ने काम किए हैं देश के विकास से प्रभावित होकर बहुत से नेता भाजपा में शामिल हुए हैं. भाजपा अनुशासित बडा परिवार है कांग्रेस आए नेता भी कार्यक्र्ताओं से से मिलेंगे और उनका समर्पण देखेंगे तो एकरस हो जाएंगे. यह गहलोत का बौखलाहट भरा बयान है.