Jaipur: प्रदेश में जिस दिन से सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में पास किया है, उसी दिन से प्राइवेट चिकित्सक इस बिल के विरोध में उतर गए हैं. प्रदेश के चिकित्सक रोजाना सरकार के खिलाफ बिल के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज पांचवें दिन भी क्रमिक अनशन और आमरण अनशन चिकित्सकों द्वारा जारी रहा. चिकित्सकों का कहना है कि सरकार ने इस बिल को आनन-फानन में विधानसभा में पास कर दिया गया, चिकित्सकों में आक्रोश साफ़ तौर पर देखा जा रहा है. 


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प्रदेशभर के चिकित्सक रोजाना सरकार के खिलाफ अलग-अलग माध्यम से प्रदर्शन और अपना आक्रोश जता रहे हैं. लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. जिससे सरकार का तो नहीं आमजन का नुकसान होना तय है, सरकार को जल्द ही सकारात्मक वार्ता के लिए बुलावा भेजना चाहिए. जिससे सरकार और चिकित्सक के बीच एक सामंजस्य की स्थिति बने और सरकार इस बिल को वापस लेने का मन बनाए. पिछले 15 दिन से चिकित्सक आंदोलन की राह पर है, लेकिन सरकार निजी चिकित्सकों की मांग पर कोई विचार नहीं कर रही है. जिसके चलते चिकित्सकों में और ज्यादा आक्रोश बढ़ता जा रहा है. यह आंदोलन किसी प्रदेश का नहीं हो कर देशव्यापी बनने जा रहा है. 


सरकार ने खुद के राजनीतिक फायदे को देखते हुए अपने अंतिम कार्यकाल में इसको लागू किया है. इस बिल को पास करने का सरकार का सिर्फ एक ही मकसद है कि निजी अस्पतालों पर भार डाला जाए, और अपने वोट बैंक को बढ़ाया जाए. प्रदेश का हर एक चिकित्सक इस बिल का विरोध कर रहा है.राज्य सरकार ने अगर इस बिल को वापस नहीं लिया तो चिकित्सक प्रदेश में एक ऐसा आंदोलन खड़ा करेंगे जो एक मिसाल होगा.

Reporter- Anup Sharma


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