Jaipur News: किसी भी राज में काम करने वाले राज्य कर्मचारी उस सरकार के ब्रांड एंबेसडर होते हैं. कर्मचारियों के काम करने के तरीके, आम जनता से उनके व्यवहार और समस्या समाधान के प्रति उनकी अप्रोच से ही यह तय होता है कि कोई राज किस हद तक गुड गवर्नेंस दे सकेगा,लेकिन कई बार यही ब्रांड एंबेसडर कोढ़ में खाज का काम भी कर जाते हैं. 


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ऐसी ही खाज और कोढ़ दोनों को मिटाने के लिए सरकार अब सख्त रवैया अपनाती दिख रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सहमति के बाद चीफ सेक्रेटरी सुधांश पंत ने सभी विभागों को एक आदेश जारी कर दिया है. इसके मुताबिक अब सरकार राज के खजाने से वेतन लेने वाले अकर्मण्य, अक्षम और संतोषजनक काम करने वाले कर्मचारियों अधिकारियों को कंपलसरी रिटायरमेंट देकर घर रवाना करेंगी. कहा जाए तो ऐसे कर्मचारी जो सरकार की नजर में नाकारा और भ्रष्ट हैं उन्हें घर रवाना करने की पूरी तैयारी कर ली गई है.


मुख्य सचिव सुधांश पंत की तरफ से सभी विभागों को जारी आदेश के मुताबिक ऐसे कर्मचारी या अधिकारी जो 15 साल की सरकारी सेवा पूरी कर चुके हैं या 50 वर्ष के हो गए हैं वह अगर काम सही तरीके से नहीं कर रहे हैं तो उन्हें कंपलसरी रिटायरमेंट दिया जाना चाहिए.



इस आदेश की भाषा में कहा गया है कि ऐसे कर्मचारी जो अपनी अकर्मण्यता, संदेहास्पद सत्यनिष्ठा, अक्षमता, अकार्यकुशलता और संतोषजनक कार्य निष्पादन के कारण जनहित में आवश्यक उपयोगिता खो चुके हैं ऐसे कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की जाए. उन्हें 3 महीने का नोटिस या फिर 3 महीने के वेतन भत्ते देकर तत्काल प्रभाव से रिटायर किया जा सकेगा.


दरअसल राजस्थान सिविल सेवा नियम 1996 के तहत रूल 53(1) में अनिवार्य सेवानिवृत्ति या कंपलसरी रिटायरमेंट के प्रावधान तो पहले से मौजूद हैं लेकिन कई बार सरकारी कर्मचारियों की तरफ से होने वाले संभावित विरोध की आशंका को देखते हुए इस पर सरकारें कोई सख्त रुख नहीं अपनाती हैं. अब मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सीएम भजनलाल शर्मा की सहमति के बाद सरकार की तरफ से जीरो टॉलरेंस का मैसेज दे दिया है.


मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि इस प्रक्रिया को निर्धारित समय सीमा में किया जाए. साथ ही हर महीने विभागों से रिपोर्ट भेजने को भी कहा गया है.