Jaipur: संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित 2023 को अर्न्तराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. इसके तहत आमजन को बाजरा, ज्वार, रागी, कोदो, कूटकी और सावा जैसे अनेक मिलेट्स के पोषक महत्व और स्वास्थ्य के लिए फायदों के बारे में जागरूक किया जाएगा. इसके साथ ही इनके उत्पादन, उत्पादकता और विपणन के अवसरों को प्रोत्साहित किया जाएगा.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कृषि विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने बताया कि अर्न्तराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के तहत राज्य में 13 और 14 मार्च को राजस्थान मिलेट्स कॉनक्लेव का आयोजन किया जा रहा है. जिसकी तैयारियां तेजी से राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में चल रही है.


इसका आयोजन मिलेट्स उत्पादकों, कृषि व्यवसायी, स्टार्टअप, एफपीओ, स्वयंसेवी संस्था, कृषि वैज्ञानिक और कृषि अधिकारियों के सहयोग से किया जा रहा है. इस कॉनक्लेव में मिलेट्स स्टार्टअप और कृषि प्रंस्करण के 100 से अधिक स्टॉल लगाये जाएंगे.


कृषि विभाग के प्रमुख सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि बाजरा के क्षेत्र और उत्पादन में राजस्थान का देशभर में प्रथम स्थान हैै. देश में बाजरा क्षेत्रफल में राजस्थान का हिस्सा 57.10 प्रतिशत है. उत्पादन में 41.71 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. इसी तरह राष्ट्र में ज्वार के क्षेत्रफल और उत्पादन में राज्य का तीसरा स्थान है.


उन्होंने बताया कि राजस्थान में मिलेट्स प्रोत्साहन के लिए मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में राजस्थान मिलेट्स मिशन की घोषणा की गई. जिसके तहत बाजरा और ज्वार की खेती के प्रोत्साहन, उत्पादन में वृद्धि, घरेलू खपत को बढ़ावा देने और मुख्य संवर्धन के लिए कई रणनीतियां अपनाई जा रही है. इसी के तहत बीज मिनिकिट्स का वितरण किया गया है. साथ ही उत्पादन में वृद्धि फसलोत्तर प्रबंधन और मूल्य संवर्धन के लिए जोधपुर में मिलेट्स उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया गया है.


प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि मिलेट्स की खपत को बढ़ाने के लिए इसके स्वास्थ्यप्रद लाभों को प्रचारित करने और मिलेट्स के उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए अर्न्तराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के अन्तर्गत पूरे राज्य में वर्षभर आयोजनो की कार्य योजना बनाई गई है. मिलेट्स पोषण महत्व पर राज्यस्तरीय सेमिनार और एग्रो प्रोसेसिंग पर कॉनक्लेव आयोजित किये जा रहे है,जिनमें मिलेट्स उत्पादक, कृषि व्यवसायी, स्टार्टअप, एफपीओ, स्वयंसेवी संस्था, कृषि वैज्ञानिक और अधिकारियों के मध्य संवाद के माध्यम से ठोस रणनीति विकसित की जा रही है. मिलेट्स की जिला स्तर पर जागरूकता के लिए सेमिनार ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सभाओं का आयोजन, स्कूली बच्चों को मिलेट्स के महत्व की जानकारी के लिए स्कूलों में व्याख्यान आयोजित करवाएं जा रहे है.