RPSC Paper Leak Case: RPSC सेकंड ग्रेड पेपर लीक मामले में राजस्थान पुलिस की एसओजी ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार करने के बाद बुधवार को प्रेस वार्ता कर बड़ा खुलासा किया. है. कटारा से पूछताछ के बाद पता चला है कि पेपर लीक प्रिंटिंग प्रेस में जाने से पहले ही हो चुका था.वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने एग्जाम से 2 से 3 सप्ताह पहले ही वरिष्ठ अध्यापक भर्ती का पेपर शेर सिंह मीणा को बेच दिया था. ADG राठौड़ के मुताबिक वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के सभी 6 पेपर सेट करने की जिम्मेदारी राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा को दी गई थी जो अपने आप में बेहद चौकाने वाली बात है. 


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पेपर को प्रिंटिंग प्रेस में भेजने से पहले ही कटारा ने मूल पेपर की प्रति अपने भांजे को दे दी थी जिसे बाद में शेर सिंह मीणा को 60 लाख में बेच दिया गया था. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर को बाबूलाल कटारा ने 60 लाख रुपए में शेर सिंह मीणा को बेचा था. बेरोजगारों के भविष्य का सौदा करने के बाद 60 लाख रुपए की रकम शेर सिंह ने सीधे कटारा को दी थी. कटारा के भांजे विजय डामोर को खुश करने के लिए शेर सिंह मीणा ने उसे एक सोने का कड़ा दिया था जिसे एसओजी ने बरामद कर लिया है. 


एडीजी अशोक राठौड़ के मुताबिक शेर सिंह ने 60 लाख रुपए में पेपर खरीदने के बाद भूपेंद्र सारण को 80 लाख रुपए में बेचा था. इसके बाद भूपेंद्र ने कोचिंग सेंटर संचालक सुरेश ढाका के जरिये सुरेश बिश्नोई को उपलब्ध कराया. बिश्नोई ने 5-5 लाख रुपए में कई अभ्यर्थियों को बेचा था.राजस्थान लोक सेवा आयोग एक ऐसी एजेंसी है जो विभिन्न भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करवाती है. राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं सहित कई बड़े पदों पर होने वाली भर्तियों की परीक्षा आरपीएससी ही करवाती है. यहां के सदस्य जिनके पास पेपर सेट करने, उन्हें सुरक्षित रखने और उनका सफल आयोजन करने की जिम्मेदारी है. 


अगर वे ही पेपर बेचने लगे तो उस पर बड़े सवाल खड़े होते है. उधर बाबूलाल कटारा, विजय डामोर और गोपाल सिंह को उदयपुर की कोर्ट में पेश किया गया है. कोर्ट ने तीनों आरोपियों को 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. आरोपी शेर सिंह मीणा को जेल भेज दिया गया है.गिरफ्तार RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने अपने अजमेर स्थित आवास पर ही शेरसिंह को पेपर बेचा था और दो किस्तों मे उसे इसके बदले 60 लाख रुपये मिले थे.


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