Rajasthan News: राज्य में पहली बार सड़क सुरक्षा को लेकर 10 साल का स्ट्रेटजी एंड एक्शन प्लान तैयार किया गया है. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ ने इस एक्शन प्लान को तैयार कर लिया है. जिसमें राज्य सरकार के एक दर्जन विभागों के सहयोग से एक्शन प्लान को लागू किया जाएगा.


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परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग अगले 10 साल में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में 75 फीसदी की कमी करेगा. वर्ष 2030 तक ही सड़क हादसों में मौतें आधी करने का लक्ष्य रखा गया है. आपको बता दें कि राजस्थान में हर साल 10 हजार से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों के चलते होती है. अब परिवहन विभाग ने इन मौतों में कमी के लिए 10 साल का एक्शन प्लान तैयार तैयार कर लिया है.



दरअसल, वर्ल्ड बैंक ने राजस्थान स्टेट हाईवे डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए फंड जारी किया है. इसके तहत हाई रिस्क कॉरिडोर में पायलट स्पीड मैनेजमेंट प्रोग्राम पर फोकस किया जाएगा. मौजूदा हाई रिस्क हाईवेज पर 500 किमी एरिया में रोड सेफ्टी ऑडिट कराई जाएगी. 25 हाई प्रायोरिटी ब्लैक स्पॉट्स पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत सुधार कार्य किए जाएंगे. इस एक्शन प्लान में रोड ऑनिंग एजेंसीज जैसे पीडब्ल्यूडी, रिडकोर, आरएसआरडीसी, यूडीएच आदि विभागों के साथ ही परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग, डिस्ट्रिक्ट रोड सेफ्टी कमेटी, पुलिस, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, एलएसजी, पंचायतीराज, आबकारी, वन विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग की भूमिका रहेगी.


10 वर्ष के एक्शन प्लान को लागू करने के लिए 3 फेज बनाए गए हैं. वर्ष 2024 को तैयारियों के लिए रखा गया है. वर्ष 2025 से 2027 तक पहला फेज, 2028 से 2030 तक दूसरा फेज और वर्ष 2031 से 2033 तक तीसरा फेज रखा गया है.



क्या होगा 3 फेज में ?


- पहले फेज में सांस्थानिक ढांचा सुदृढ़ करने, अंतरिम लक्ष्य पूरा करने पर फोकस


- वर्ष 2030 तक के दूसरे फेज में सड़क दुर्घटनाओं में मौतें 50 फीसदी घटाने का लक्ष्य


- यूएन के सड़क सुरक्षा पर कार्रवाई के दूसरे दशक के तहत कवायद होगी


- तीसरे फेज में सड़क दुर्घटनाओं में मौतें 75 फीसदी कम करने का लक्ष्य


- इस फेज में मॉनिटरिंग एंड इवेलुएशन पर फोकस रहेगा, टारगेट पूरा करने पर जोर



परिवहन विभाग यह करेगा ?


- केन्द्रीय मोटर व्हीकल रूल्स की अनुपालना में ATS स्थापित होंगे


- इन ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन्स पर ही वाहनों की फिटनेस जांच हो सकेगी


- वाहनों में रेट्रो रिफ्लेक्टर टेप, ब्लाइंड स्पॉट मिरर की पालना करानी होगी


- बसों में ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाने की पालना करानी होगी


- बाल वाहिनी मानकों के मुताबिक स्कूल-कॉलेज बसों का नियमित परीक्षण


- ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर एसओपी जारी करनी होगी


- वाहन चालक प्रशिक्षण संस्थान, टेस्टिंग ट्रैक बनाने होंगे


- विभाग काउंसलिंग प्रकोष्ठ, ट्रैफिक पार्क का भी विकास कराएगा


सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग और प्रवर्तन कार्रवाइयों को भी अंजाम देगा. इसके लिए बाकायदा निर्धारित कर प्रवर्तन कार्रवाई की जाएंगी. काउंसलिंग प्रकोष्ठ का भी उपयोग किया जाएगा. राजस्थान रोडवेज के लिए भी एक्शन प्लान में जिम्मेदारियां तय की गई हैं.


राजस्थान रोडवेज यह करेगा ?


- रोडवेज में भी सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ गठित किया जाएगा


- चालक और परिचालकों की समय-समय पर ट्रेनिंग कराई जाएगी


- रोड सेफ्टी मैनेजमेंट को लेकर ट्रेनिंग कराई जाएगी


- सड़क सुरक्षा जागरुकता के लिए हरेक बस स्टैंड पर 2 वीएमएस लगेंगे


- सोलर इक्विपमेंट वाले वीएमएस पर सड़क सुरक्षा संदेश लिखे होंगे


- रोडवेज बसों की नियमित फिटनेस जांच और परीक्षण करना होगा


- बसों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस, रिफ्लेक्टर्स, स्पीड गवर्नर लगाने होंगे


- रोडवेज व निजी बसों में ब्लाइंड स्पॉट मिरर, कैमरे लगाने होंगे


सड़क हादसों को कम करने की दिशा में आबकारी विभाग को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी. इसके तहत आबकारी विभाग नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवेज के 500 मीटर के दायरे में कोई भी मदिरा दुकान स्वीकृत नहीं करेगा. ड्रंक और ड्राइविंग के मामलों में कमी के लिए जिला स्तर पर ऑरिएंटेशन प्रोग्राम करने होंगे.