Jaipur News: पेड़- पौधों में दिए जा रहे पेस्टिसाइड्स का असर आम लोगों के जीवन पर दिखाई देने लगा है. लोगों को इसके प्रति जागरूक करने ओर पेस्टिसाइड्स के उपयोग को बंद करने के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की ओर से बच्चों के लिए वृक्ष आयुर्वेद विभाग शुरू किया गया. इसके साथ ही संस्थान की ओर से राजधानी में ही एक हर्बल वाटिका तैयार की जा रही है.


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एनआईए की ओर से राजधानी में गलता की पहाड़ियों के बीच जग्गा की बावड़ी के पास एक धनवंतरि उपवन बनाया गया है. एनआईए वीसी प्रो संजीव शर्मा ने कहा कि ये हर्बल पार्क 21 एकड़ में फैला हुआ है. जिसमें अब तक 250 प्रजाति के 2000 से ज्यादा औषधीय पौधे लगाए जा चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आने वाले एक साल में 400 प्रजाति के 8000 पौधे ओर लगाए जाएंगे. जिससे लोगों और यहां पढ़ाई कर रहे बच्चों को औषधीय पौधों और जड़ी बूटियों की समझ तो होगी ही साथ ही ये इनके उपयोग के बारें में भी जान सकेंगे.


ग्रह-नक्षत्र, राशि के प्रभाव के कारण बनाई वाटिकाएं


धनवंतरि उपवन इंचार्ज डॉ सूमित तत्थानी ने बताया कि हर्बल पार्क में ग्रह, नक्षत्र ओर राशि के अनुसार अलग अलग वाटिकाएं बनी हुई है. जहां उनको उनकी कर्म उपयोगिता के आधार पर अलग अलग वाटिकाओं में लगाया जाता है. औषधीय पौधों और ज्योतिषि उद्यान में रोग के हिसाब से 21 अलग वाटिकाएं बनाई है और उसमें पौधे लगाए गए हैं. इसके साथ ही राजस्थान में पाए जाने वाले विशेष प्रजाति के पौधों की भी नर्सरी तैयार की जा रही है.



संस्थान के वृक्ष आयुर्वेद विभाग में अध्ययन कर रहे छात्र खेताराम और रविना चौधरी ने बताया कि यहां हम पौधों को कैसे पेस्टीसाइड से बचा सकते हैं उसके लिए हर्बल खाद्य लिक्विड रूप में तैयार कर रहे हैं और इसके फल कैसे लंबे समय तक मिले इस पर भी रिसर्च कर रहे हैं. इसके साथ ही सीड बॉल के माध्यम से बंजर भूमि पर पौधे लगाने का भी काम किया जा रहा है.