Jaipur: मानदेय सहित दस सूत्रीय मांगों को लेकर खाद्य सुरक्षा के तहत 4 करोड़ 25 लाख लाभार्थियों को राशन का गेहूं वितरण करने वाले 26 हजार से ज्यादा राशन डीलर्स खफा हैं. अलग अलग जिलों से सैकड़ों की संख्या में राशन डीलर्स ने शहीद स्मारक पर धरना दिया और विधानसभा कूच करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने शहीद स्मारक के बाहर ही राशन डीलर्स को रोक दिया.


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इस दौरान पुलिस और राशन डीलर्स आमने-सामने हो गए. राशन डीलर्स ने हाथ में तख्तियां लेकर शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. उसके बाद राशन डीलर्स के प्रतिनिधमंडल को वार्ता के लिए सीएमओ ले जाया गया लेकिन राशन डीलर सीएम सेकेट्री, फाइनेंस एसीएस से नहीं मिलाने पर बिना वार्ता ही प्रतिनिधिमंडल लौट आया. राशन डीलर्स समन्वय समिति के प्रदेश संयोजक डिंपल कुमार शर्मा ने बताया की केंद्र और राज्य सरकार ने राशन डीलर्स को कुछ नहीं दिया. इन्ही राशन डीलर्स ने कोविड के समय अपनी जान की परवाह किए बिना ही गेहूं का वितरण किया.


राशन डीलर्स 30 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय, 1 प्रतिशत छीजत, 60 वर्ष की उम्र की बाध्यता समेत अन्य मांगें पूरी नहीं होने पर सरकार से खफा हैं. बीते एक वर्ष में सरकार को कई बार ज्ञापन देकर, कई स्तरों पर वार्ता करके राशन डीलर्स की समस्याओं को बताया गया लेकिन न विभाग के अफसरों ने न मंत्री ने और न ही शीर्ष स्तर पर कोई सुनवाई हुई. इससे पहले प्रदेश के 27 हजार से ज्यादा राशन डीलर्स जनवरी के महीने में चार दिन तक राशन की दुकानें बंद कर आंदोलन कर चुके हैं.


राशन की दुकानें बंद रहने से करोड़ों लाभार्थियों को राशन का गेहूं नहीं मिला और वे गेहूं के लिए भटकते रहे. राशन डीलर्स का कहना हैं कि यदि हमारी मांगों को नहीं माना जाता है तो आगे एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर सामूहिक रूप से दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया जाएगा. राशन डीलर्स को बजट से आशा थी की राशन डीलर को कुछ ना कुछ जरूर मिलेगा. बजट में न मानदेय दिया गया, न ही छीजत के संबंध में कोई घोषणा की गई है. पिछले साल 27 दिसंबर को विद्याधरनगर स्टेडियम में आयोजित राशन डीलर्स के सम्मेलन में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी प्रदेश बजट में मानदेय लागू करने का वचन और वादा किया था. लेकिन कुछ नहीं मिलने से राशन डीलर निराश हैं.


 


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