Jaipur: नशे से ग्रसित बच्चों के लिए प्रदेश में मात्र 9 जिलों में पुनर्वास केंद्र, ममता भूपेश ने सदन में दी जानकारी
जयपुर में नशे से ग्रसित बच्चों के लिए प्रदेश में मात्र 9 जिलों में पुनर्वास केंद्र हैं. ममता भूपेश ने सदन में इसको लेकर जानकारी दी. सदन में प्रश्नकाल के दौरान नेहरू बाल कोष के गठन को लेकर विधायक इंद्रराज गुर्जर सवाल किया.
Jaipur: प्रदेश में बच्चों के नशे की लत को रोकने और पुनर्वास करने के लिए 9 जिलों में पुनर्वास केंद्र खोले हैं.बच्चों के सुधार के लिए नेहरू बाल कोष का गठन किया हुआ है. महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने विधानसभा ने यह जानकारी दी.
सदन में प्रश्नकाल के दौरान नेहरू बाल कोष के गठन को लेकर विधायक इंद्रराज गुर्जर सवाल किया. इस पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने नेहरू बाल कोष के गठन की घोषणा बजट 2020-21 में की गई थी. इसके लिए 100 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया था. मंत्री भूपेश ने कहा कि नेहरू बाल कोष की राशि से प्रदेश में बाल तस्करी बाल मजदूरी, बच्चों के शोषण और हिंसा, बाल अपराध को रोकने के प्रावधान किए गए हैं.
सरकार ने 31 दिसंबर 2020 को नेहरू बाल कोष के संचालन के दिशा निर्देश जारी किए गए थे. कोश बाल संरक्षण के तहत विशिष्ट कार्य करने वाली सस्थाएं और व्यक्तियों को प्रोत्साहन के लिए नेहरू बाल संरक्षण पुरस्कार योजना लागू की गई. योजना में तीन व्यक्तियों व संस्थाओं को सम्मानित किया गया. कोष के तहत लैंगिक अपराधों से पीड़ित बच्चों को सपोर्ट परसन की सहायता के लिए बाल मित्र योजना लागू की गई.
ममता भूपेश ने कहा कि बच्चों के नशे की लत को रोकने के लिए और पुनर्वास करने के लिए 9 जिलों में गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से 9 पुनर्वास केंद्र खोले हैं . इसके बाद विधायक इंद्रराज गुर्जर ने पूरक सवाल किया कि नौ जिलों में पुनर्वास केंद्र खोले, लेकिन बाकी जिलों में पुनर्वास केंद्र खोलने पर सरकार विचार रखती है और कब तक खोले जाएंगे. इसके बाद मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि जहां जहां से शिकायतें आएंगी वहां पर और खोल दिए जाएंगे.
आंगनबाड़ी केंद्रों के जीर्णशीर्ण भवनों को लेकर आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग ने एक अन्य सवाल लगाया गया. इसके जवाब में मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि जीर्णशीर्ण भवनों के लिए 12 लाख रुपए का भवन बनाने का प्रावधान केंद्र सरकार ने किया है. इसमें 60 प्रतिशत राशि नरेगा, 2 लाख पंद्रहवें वित्त आयोग, 80 हजार राज्य सरकार तथा एक लाख 20 हजार केंद्र सरकार के होते हैं. वित्तीय संसाधन का प्रावधान होते ही जीर्णशीर्ण भवनों की मरम्मत करा दी जाएगी.
ये भी पढ़ें-