Jaipur News: राजस्थान की पहली नेक ए ग्रेड युनिवर्सिटी विवेकानन्द ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जगतपुरा में द्वितीय राष्ट्रीय वीजीयू आर. क.े रस्तोगी मेमोरियल नेशनल नेगोशिएशन प्रतियोगिता का शुभारंभ शनिवार को हुआ. प्रतियोगिता के उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह थे. जबकि विशिष्ट अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री मणीन्द्र मोहन श्रीवास्तव थे. राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश माननीय श्री अवनीश झिंगन, एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति माननीय श्री अजय रस्तोगी विशेष अतिथि के रूप में शाामिल थे.


इस अवसर पर मुख्य अतिथि उच्चतम न्यायालय के माननीय न्यायमूर्ति श्री ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने कहा कि देश की विधि व्यवस्था का भविष्य युवा पीढी के हाथों में सुरक्षित है. उन्होने कहा कि आज पारिवारिक विवाद के मामले बढ रहे हैं जिसमें घरेलू हिंसा के मामले ज्यादा हैं इससे तलाक के मामले भी बढ रहे हैं. उन्होेने कहा कि भगवान कृष्णा ने महाभारत युद्व रोकने के दोनों पक्षों में मध्यस्था की भूमिका निभाई जो कौरव सेना नहीं मानी जिसका नतीजा विनाशकारी हुआ.

 

माननीय न्यायमूर्ति मसीह ने कहा कि हर व्यक्ति निगोसिटर बने और निगोशिएशन करना भी सीखें इससे हमें कई समस्याओं से छुटकारा मिलेगा. आज हर कोई व्यक्ति किसी ना किसी रूप में प्रोफेशन के अलावा निजी जीवन में विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त है. ऐसे में अगर हमने समझौते और समझाईश की राह अपना ली तो इनसे आसानी छुटकारा पा सकते है जो हमारे जीने की राह आसान बना देगा.

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उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश श्री अजय रस्तोगी ने कहा कि हम सभी में उदारता होनी चाहिए. समाज के लिए हम क्या कर सकते है जो लोग समाज का भला करते है वे वास्तव मे इसमें अपना प्रचार नहीं करते हैें. चैरिटी कम हो या ज्यादा मैटर नहीं रखता बल्कि महत्व है यह आप किसके लिए कर रहे हो कब तक कर रहे हो. अपनी क्षमता के अनुसार कितनी मानवीयता है.


उन्होने कहा कि नेगोशिएसन शब्द लीगल प्रोफेशन में ज्यादा प्रचलित नहीं है, लेकिन यह ऐसा मेकेनिज्म है जिसमें हम प्री डिसपुट स्टेज पर सुलझा सकते हैं. मेडिएशन के माध्यम से विवाद सुलझाने के कई विकल्न्प देता है यह एडजेस्ट मेंट है जो हमारे जीवन के हर क्षेत्र में हमने एडजस्ट मेंट करना सीखना चाहिए. इवेंट में हार जीत से ज्यादा आपकी भागीदारी महत्वपूर्ण है जो आपने सीखा और अनुभव लिया है वह महत्व पूर्ण है.

 

कर्यक्रम अध्यक्षता करते हुए राज उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस श्री मणीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि मुझे इस इवेट का हिस्सा बनकर गर्व हो रहा है. नेगोशिएसन स्पर्धा आज महत्वपूर्ण इवेंट है जब में लाॅ का विद्यार्थी था मैंने आत्मकथा पढनी शुरू की और प्रेरणा मिली. हमें महान लोगों की जीवन से हम हमेशा सीखते रहना चाहिए .यहा बोलना और सवंाद करना मुझे नया अनभव देता है. उन्होने कहा कि कठिन परिश्रम सफलता की जननी है. सफलता का कोई शार्ट कट नहीं है. एक जज और वकील के रूप में हमारे लिए रोजाना सीखने का होता है जब भी अवसर मिलता है हमेशा सीखते रहंे. नेगोशिएसन जैसे स्पर्धा में अनुभवी लोगों का मार्गदर्शन आपके भविष्य को बदल सकता है.

 

न्यायाधीश माननीय श्री अवनीश झिंगन ने कहा लीगल सिस्सम नेगोशिएसन डायलाॅग रिचींग एक सोल्यूसन है बगैर जज और वकील के मामले का निस्तारण किया जा सकता है. कोर्ट में लिटिगेषन में हमेशा समय लगता है और निस्तारण में काॅस्ट ज्यादा आती है. यह विवादो के निस्तरण के लिए यह जरूरी है जिसमें पार्टी अपनी सुविधा अनुसार निस्तारण करती है जो दोनों के निए विन विन स्थिति है.

 

उन्होने कहा कि न्याय व्यवस्था में सुधार की जरूरत है, समय पर न्याय नहीं मिलने का अर्थ न्याय से वंचित करना.

युनिवर्सिटी के वाइस चेयरमैन डाॅ के आर बगरिया ने कहा कि कोर्ट के बाहर मामलों को निस्तारण हमारी समाजिक व्यवस्था का हिस्सा रहा है. गांव में समझौते के द्वारा समस्याएं सुनी जाती थी कोई भी मामला पुलिस और कोर्ट में नहीं जाता था. अब इसमें आज के अधुनिक युग में इसका महत्व कम हो रहा है आज शहर में यह समस्या ज्यादा है. विवादों के निस्तारण के लिए एक ऐसा मैकेन्जिम हो जिससे कम से कम मामले कोर्ट में जाए.

 

भारत के अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल श्री आर. डी. रस्तोगी ने दो दिवसीय इवेंट में आयोजित होनी वाली स्पर्धाओं और आयोजनों के बारे में विस्तार से बताया. प्रतियोगिता में पहले दिन भावी जजों और अधिवक्ताओं ने अपनी वाकपटुता और प्रभावी संवाद शैली में परिवाद प्रस्तुत किए और पर प्रभावी तरीके से अपने अपने पक्ष रखे.

 

इस अवसर पर वीजीयू के मुख्य सरंक्षक और पूर्व आईपीएस अधिकारी के राम ने कहा कि कानून के भावी अधिवक्ताओं और शिक्षकों के लिए यह आयोजन एक अदभुद अवसर है. उन्होने कहा कि हमें जीवन में हमेशा अपनी बात संक्षिप्त और सटीक रूप रखने की आदत बनानी चाहिए. अदालती प्रक्रिया में इस स्किल का जजों और अधिवक्ताओं के लिए खासा महत्व है.


वीजीयू के चासंलर एवं पूर्व आइएएस अधिकारी डाॅ ललित के पवार ने लीगल विद्वजनों की इस शानदार उपस्थिति को यादगार क्षण बताया. डॉ. ललित के पंवार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले 4 दशकों से इस टर्म में नेगोशिएशन का एक अलग कोर्स चलाया जा रहा है, इसका मतलब है कि इस टर्म का अपने आप में बहुत प्रभावी महत्व है.

 

विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री ओंकार बगरिया ने कहा राष्टीय स्तर की आयोजित इस नेगोसिएशन प्रतियोगिता में कानून के विद्यार्थियों को अपनी कानूनी विषयों की समझ को प्रदर्शित करने और अपने विचारों को साझा करने का अवसर प्रदान करने का बेहतर अवसर मिलेगा.

 

यूनिवर्सिटी के एक्टिंग प्रेसीडेंट प्रो संतोष कुमार ने वीजीयू प्रबंधन की ओर सभी अतिथियों का स्वागत किया. उन्होने कहा कि समझौता या निगोशिएसन स्किल किसी भी प्रोफेशनल में होना चाहिए. साथ ही पोलिसी मेकिंग और क्रियान्वयन में निगोशिएसन एक महत्वपूण पहलू है.

 

लाॅ विभाग की हॅैड डॉ. शिल्पा राव रस्तोगी ने बताया कि प्रतियोगिता में कुल पुरस्कार 50 हजार रखा गया है, जिसमें विजेता टीम को 25 हजार और उपविजेता को 15 हजार तथा सर्वश्रेष्ठ वार्ताकार को 10 हजार दिए जाएंगे.

 

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