Jaipur News: जयपुर में शावकों की मां जैसी देखभाल कर रहे वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक, बाघिन के असामान्य व्यवहार के चलते किए अलग
Jaipur latest News: जयपुर में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मां के होते हुए भी नन्हे शावकों को उससे दूर रखा जा रहा है, लेकिन बड़ी बात यह है कि इन शावकों की जयपुर के वन्यजीव चिकित्सक मां की तरह ही देखभाल कर रहे हैं. पार्क के नियोनेटल केयर यूनिट में इन शावकों का पूरा खयाल रखा जा रहा है.
Jaipur latest News: राजस्थान के जयपुर में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मां के होते हुए भी नन्हे शावकों को उससे दूर रखा जा रहा है, लेकिन बड़ी बात यह है कि इन शावकों की जयपुर के वन्यजीव चिकित्सक मां की तरह ही देखभाल कर रहे हैं. पार्क के नियोनेटल केयर यूनिट में इन शावकों का पूरा खयाल रखा जा रहा है. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से यह अच्छी खबर सामने आई है.
जबकि दूसरा गोल्डन कलर का है. इन्हें नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के रेस्क्यू सेंटर की नियोनेटल केयर यूनिट में शिफ्ट किया गया. जहां पर वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर इनकी देखरेख कर रहे हैं. इन शावकों को अमेरिका से आयातित दूध पाउडर आहार के रूप में दिया जा रहा है.
यह भी पढ़ें- Rajasthan News: नवगठित स्टेट एडवाइजरी कमेटी की पहली बैठक
वर्तमान में बाघिन रानी के इन दोनों शावकों का वजन 5 किलो से अधिक हो गया है. शावकों को जरूरी एंटीबायोटिक विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य सप्लीमेंट भी दिए जा रहे हैं. नियोनेटल केयर यूनिट में 23 दिन के शावकों को हैंड रियरिंग करना एवं पालन काफी चुनौतीपूर्ण कार्य था. जो राजस्थान में पहली बार किसी बायोलॉजिकल पार्क में हो रहा है.
शावकों को मां की कमी महसूस न हो, इसके लिए डमी बाघिन यानी एक पुतले को भी शावकों के नियोनेटल केयर यूनिट में रखा गया है. वन्यजीव चिकित्सक डॉ. माथुर का यह प्रयोग सफल रहा है और शावक बीच-बीच में इस पुतले के साथ खेलते हैं. शावक इसे मां समझकर अक्सर डमी पुतले के साथ अठखेलियां करते हैं.
यह भी पढ़ें- Alwar: कस्बे के दो मकानों के एक ही रात में टूटे ताले, लाखों की चोरी होने का अनुमान
डॉ. माथुर बताते हैं कि यह व्यवस्था उनके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. शावकों की प्रतिदिन की डाइट और अन्य गतिविधियों को नियमित रूप से रजिस्टर में दर्ज किया जाता है. नियोनेटल केयर यूनिट में बाघ के दोनों शावकों की हैंड रियरिंग पर एक शोध पत्र भी तैयार किया जाएगा, जिसे सेंट्रल जू अथॉरिटी में भेजा जाएगा.